नई दिल्ली: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के मुरैना के पास शनिवार को सुबह वायुसेना (Air Force) के लड़ाकू विमान (Fighter Plane) सुखोई-30 और मिराज 2000 दुर्घटनाग्रस्त हो गए हैं। दोनों विमानों ने मध्य प्रदेश के ग्वालियर हवाई ठिकाने (Gwalior Airport) से उड़ान भरी थी, जहां अभ्यास चल रहा था।
सूचना मिलते ही मौके पर पहुंचे राहत बचाव दल ने आगे की कार्रवाई शुरू कर दी है। मौके पर आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों की भीड़ जमा हो गई, जिसे हटाकर खोज और बचाव अभियान शुरू किया गया है।
रक्षा मंत्री ने एयरफोर्स चीफ (Air Force Chief) से इस हादसे को लेकर बातचीत की है।
वायु सेना की ओर से जल्द ही कोर्ट ऑफ इंक्वायरी के आदेश दिए जा सकते हैं
वायु सेना की ओर से अभी इस दुर्घटना के बारे में अधिकृत जानकारी नहीं दी गई है, लेकिन सूत्रों का कहना है कि दुर्घटना के दौरान सुखोई-30 (Sukhoi-30) में 2 पायलट, जबकि मिराज 2000 (Mirage 2000) में एक पायलट था।
प्रारंभिक ख़बरों में बताया गया है कि 2 पायलट सुरक्षित हैं, जबकि वायु सेना के एक हेलीकॉप्टर को तीसरे पायलट की खोज में लगाया गया है।
रक्षा सूत्र के मुताबिक वायु सेना की ओर से जल्द ही कोर्ट ऑफ इंक्वायरी (Court of Inquiry) के आदेश दिए जा सकते हैं, ताकि दुर्घटना के कारणों के साथ यह भी पता लगाया जा सके कि दोनों लड़ाकू विमानों में मध्य-वायु टक्कर हुई थी या नहीं।
रक्षा मंत्री ने भारतीय वायुसेना के पायलटों के बारे में जानकारी ली
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह CDM जनरल अनिल चौहान और वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी के संपर्क में हैं। उनसे क्रैश की जानकारी जुटा रहे हैं।
रक्षा मंत्रालय के सूत्रों का कहना है कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को भारतीय वायु सेना के दो विमानों के दुर्घटनाग्रस्त होने पर वायु सेना प्रमुख ने जानकारी दी है। रक्षा मंत्री ने भारतीय वायुसेना के पायलटों के बारे में जानकारी ली और वे घटनाक्रम की बारीकी से निगरानी कर रहे हैं।