धारवाड़/नई दिल्ली: केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने कहा कि भारत पूरी दुनिया के लिए फोरेंसिक विशेषज्ञ तैयार करने की दिशा में आगे बढ़ रहा है।
सरकार का लक्ष्य है कि क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम को फॉरेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी (Forensic Science University) के साथ जोड़ा जाए ताकि देश में दोष सिद्धि दर को विकसित देशों से भी ऊपर लाया जा सके।
शाह ने शनिवार को उत्तरी कर्नाटक के धारवाड़ में राष्ट्रीय फोरेंसिक विज्ञान विश्वविद्यालय (National Forensic Science University) की आधारशिला रखते हुए कहा कि मौजूदा समय में पूरी दुनिया में फोरेंसिक विशेषज्ञों की जरूरत बढ़ी है।
अपराधियों को सजा दिलाने में वैज्ञानिक साक्ष्य का होना बहुत जरूरी है। इस दिशा में फोरेंसिक विज्ञान विश्वविद्यालय अहम भूमिका निभाएंगे।
पांच वर्षों में दुनिया के सबसे अधिक फोरेंसिक विशेषज्ञ हमारे पास होंगे
शाह ने कहा कि छह साल से अधिक की सजा वाले अपराधों में फोरेंसिक जांच को अनिवार्य करने की दिशा में काम किया जा रहा है।
लोगों को समय पर न्याय मिल सके और अपराधियों को सजा मिल सके इसके लिए सरकार भारतीय दंड संहिता (आईपीसी), आपराधिक प्रक्रिया संहिता (CRPC) और साक्ष्य अधिनियम में बदलाव करने के बारे में विचार कर रही है।
शाह ने कहा कि Crime की दुनिया तेजी से बदल रही है। ऐसे में पुलिस को अपराधियों से दो कदम आगे रहने की जरूरत है। इस दिशा में फोरेंसिक साइंस का अहम योगदान है। उन्होंने कहा कि आने वाले पांच वर्षों में दुनिया के सबसे अधिक फोरेंसिक विशेषज्ञ हमारे पास होंगे।