श्रीनगर: कांग्रेस (Congress) अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे (Mallikarjun Kharge) ने सोमवार को कहा कि राहुल गांधी (Rahul Gandhi) की अगुवाई वाली ‘भारत जोड़ो यात्रा’ (Bharat Jodo Yatra) चुनाव जीतने के लिए नहीं बल्कि देश में भारतीय जनता पार्टी (BJP) और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) द्वारा फैलायी गई नफरत के खिलाफ है।
भारी हिमपात के बीच ‘भारत जोड़ो यात्रा’ (Bharat Jodo Yatra) के समापन पर श्रीनगर (Srinagar) में एक रैली में खरगे ने यह भी कहा कि गांधी जम्मू कश्मीर (Jammu & Kashmir) का राज्य का दर्जा बहाल करने के लिए दृढ़ हैं।
BJP के लोग देश में नफरत फैला रहे :खरगे
खरगे ने कहा, ‘‘यात्रा चुनाव जीतने के लिए नहीं बल्कि नफरत के खिलाफ थी। BJP के लोग देश में नफरत फैला रहे हैं।
राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने साबित किया है कि वह बेरोजगारी तथा महंगाई जैसे मुद्दों पर कन्याकुमारी से लेकर कश्मीर (Kashmir) तक देश को एकजुट कर सकते हैं।’’
उन्होंने आरोप लगाया कि PM नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi), RSS और BJP देश में गरीब-अमीर की खाई को और चौड़ा बनाने की नीति अपना रहे हैं।
10 फीसदी लोग देश की 72 फीसदी संपत्ति लूट रहे
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, ‘‘(PM नरेंद्र) मोदी जी, RSS और BJP चाहते हैं कि गरीब लोग गरीब ही रहें तथा अमीर लोग और अमीर बन जाएं।
10 फीसदी लोग देश की 72 फीसदी संपत्ति लूट रहे हैं जबकि 50 प्रतिशत लोगों के पास महज तीन प्रतिशत संपदा है।’’
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा (Priyanka Gandhi Vadra) ने रैली में कहा कि शुरूआत में उन्हें आशंका थी कि क्या लोग यात्रा में शामिल होंगे।
देश के लोगों में एकता की भावना: प्रियंका
उन्होंने कहा, ‘‘मेरा भाई पिछले पांच महीने से कन्याकुमारी से पैदल चल रहा है। पहले मैंने भी यह सोचा था कि यह लंबी यात्रा है, पता नहीं, लोग बाहर निकलेंगे या नहीं।
लेकिन वे हर जगह बाहर निकले। वे इसमें शामिल हुए क्योंकि देश के लोगों में एकता की भावना है।’’
पदयात्रा करने वाले लोगों ने उम्मीद की एक किरण दिखायी: प्रिंयका
प्रिंयका ने कहा कि राहुल गांधी ने J&K में प्रवेश करते वक्त उनकी मां सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) को एक संदेश भेजा कि वह घर जा रहे हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘पूरे देश ने यात्रा का समर्थन किया। देश में जो राजनीति हो रही है, उससे देश को फायदा नहीं हो सकता।
जो राजनीति विभाजित (Politics Divided) करती है वह देश को लाभ नहीं पहुंचा सकती। पदयात्रा करने वाले लोगों ने उम्मीद की एक किरण दिखायी है।’’