रांची: झारखंड हाई कोर्ट (Jharkhand High Court) के एक्टिंग चीफ जस्टिस (Acting Chief Justice) अपरेश कुमार सिंह (Aparesh Kumar Singh) की अध्यक्षता वाली खंडपीठ में सोमवार को देवघर एयरपोर्ट (Deoghar Airport) में नाइट लेंडिंग (Night Lending) शुरू नहीं होने तथा एयरपोर्ट के आस-पास की ऊंची बिल्डिंग को तोड़ने से संबंधित याचिका पर सुनवाई हुई।
कोर्ट ने देवघर एयरपोर्ट के आसपास के चिन्हित नौ बिल्डिंग को तोड़ने पर रोक जारी रखी है।
मामले की अगली सुनवाई 3 फरवरी को
कोर्ट ने केंद्र सरकार (Central Government) के अधिवक्ता प्रशांत पल्लव और राज्य सरकार से पूछा है कि एयरपोर्ट के आसपास के जिन बिल्डिंग को तोड़ा जाना है, उसके नुकसान की भरपाई कौन करेगा, इस पर आपस में विचार-विमर्श कर ले।
इस संबंध में केंद्र सरकार के अधिवक्ता को भी केंद्र सरकार से इंस्ट्रक्शन (Instruction) लेने का कोर्ट ने निर्देश दिया है। मामले की अगली सुनवाई 3 फरवरी को होगी। प्रतिवादी की ओर से अधिवक्ता अनिल कुमार ने पैरवी की।
अदालत ने देवघर DC को आदेश दिया था
राज्य सरकार की ओर से बताया गया था कि देवघर एयरपोर्ट के आसपास की ऊंची बिल्डिंग तोड़ने की बात है उन्हें नोटिस (Notice) जारी कर दिया गया है।
BJP सांसद निशिकांत दुबे (Nishikant Dubey) की ओर से देवघर एयरपोर्ट के सुचारू ढंग से संचालन को लेकर अवमाननावाद याचिका दाखिल की गई है।
पूर्व में सुनवाई के दौरान कोर्ट को बताया गया था कि देवघर एयरपोर्ट के पास बनाए गए नौ आलीशान भवन तोड़ने के लिए चिन्हित किए गए हैं, अभी तक यह तोड़े नहीं गए हैं।
कोर्ट ने उन नौ आलीशान भवन मालिकों को प्रतिवादी बनाने का आदेश दिया था, जिनके मकान या भवन देवघर एयरपोर्ट के पास तोड़ने की योजना है। अदालत ने देवघर DC को आदेश दिया था कि भवन मालिकों को इस संबंध में नोटिस भेजा जाए।