रांची: केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय ने झारखंड सरकार के आरबीआइ खाते से 714 करोड़ रुपये काटने को लेकर पत्र लिख दिया है।
इसकी सूचना राज्य सरकार को भी दे दी गयी है और 15 जनवरी को यह राशि काट लेने की बात कही गयी है।
राज्य के वित्तमंत्री डॉ. रामेश्वर उरांव ने बताया कि पिछले दिनों राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में एक प्रस्ताव पारित कर डीवीसी और केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय के साथ हुए त्रिपक्षीय समझौते से झारखंड सरकार ने खुद को अलग करने का आग्रह किया था।
राज्य सरकार इस मुद्दे को गंभीरतापूर्वक देख रही है।
केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय की ओर से आरबीआई को पत्र लिखकर राशि काटने की सूचना दिये जाने के एक दिन पहले ही झारखंड सरकार की ओर से ऊर्जा विभाग के प्रधान सचिव ने मंत्रालय को चिट्ठी लिखी थी. और पत्र लिखकर आरबीआई को मंत्रिमंडल की ओर से त्रिपक्षीय समझौते से बाहर निकलने के फैसला के बारे में जानकारी दी गयी थी और दूसरी किस्त नहीं काटने का आग्रह किया गया था।
इधर, सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार केंद्रीय विद्युत मंत्रालय के सचिव संजीव एन. सहाय की ओर से आरबीआइ गर्वनर को डीओ लेटर लिखा गया है, जिसमें कहा था कि त्रिपक्षीय समझौते के अंतर्गत झारखंड सरकार के खाते से डीवीसी का बकाया 2114.18 करोड़ वसूलने के लिए 714 करोड़ काटकर केंद्र सरकार के खाते में जमा कर दिये जायें।
गौरतलब है कि समझौते की शर्तों के अंतर्गत पहली किस्त अक्तूबर 2020 में भी झारखंड सरकार के खाते से आरबीआई द्वारा 1417.50 करोड़ रुपये काटी गयी थी।
इसके बाद जेबीवीएनएल की ओर से बकाया भुगतान नहीं करने पर दूसरी किस्त भी काटने का नोटिस दिया गया था, जिसमें 20 दिसंबर तक का समय दिया गया था।