ननकाना साहिब (पाकिस्तान): पाकिस्तान की एक आतंकवाद-रोधी अदालत ने यहां बुधवार को 2019 में एक सिख लड़की के जबरन अपहरण, धर्मातरण और विवाह के मामले में आठ में से एक को दो साल के कारावास की सजा और दो अन्य पर 10,000 रुपये जुर्माने के साथ छह महीने की सजा सुनाई गई है।
अदालत के फैसले के अनुसार, मुहम्मद एहसान को दो साल की जेल की सजा सुनाई गई है, जबकि मुहम्मद सलमान और मुहम्मद अहमद को छह महीने के कारावास की सजा के साथ 10,000 का जुर्माना भी लगाया गया है।
अदालत ने कहा कि आरोपी को सिख समुदाय को निशाना बनाने और उनपर हमला करने के लिए लोगों को इकट्ठा करने का दोषी पाया गया।
हालांकि, अदालत ने मामले में पांच अन्य लोगों को संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया।
यह मामला काफी चर्चित रहा। ननकाना साहिब की रहने वाली जगजीत कौर का मुहम्मद एहसान और उसके परिवार ने घर से जबरन अपहरण कर लिया था।
बाद में कौर ने इस्लाम धर्म अपना लिया और एहसान से शादी कर ली, उसका नाम जगजीत कौर से बदलकर आयशा रख दिया गया।
इस घटना के बाद यह मामला एक वैश्विक चर्चा का विषय बन गया था, क्योंकि पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों की स्थिति पर गंभीर सवाल उठाए गए थे।
पुलिस ने आठ संदिग्धों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी, जिसमें उन पर सिख समुदाय के खिलाफ लोगों को उकसाने का आरोप लगाया गया, जिसके परिणामस्वरूप, इलाके के निवासियों में दहशत फैल गई थी।