रांची: भाजपा के प्रदेश मंत्री और विधायक नवीन जायसवाल ने हेमन्त सरकार में जनवितरण प्रणाली व्यवस्था ध्वस्त हो जाने का आरोप लगाया है।
गुरुवार को पार्टी कार्यालय में पत्रकारों से बातचीत में कहा कि इस राज्य में अंधेर नगरी चौपट राजा की कहावत साबित हो रही है।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की उदासीनता के कारण कोरोना काल में राज्य की जनता भूखे पेट सोने को मजबूर हुई।
लोग दाने दाने को मोहताज हुए। भूख से निपटने के लिए लोग सड़क पर आंदोलन करने को विवश हुए।
केंद्र सरकार द्वारा प्राप्त अनाज का बंटवारा भी करने में यह सरकार अक्षम साबित हुई।
अनाज गोदामों में सड़ता रहा और राज्य की जनता सरकार की लापरवाही के कारण भूखे पेट सोते रहे।
उन्होंने कहा कि कोरोना काल में कई राज्यों ने व केंद्र सरकार ने तेल साबुन के लिए आमजन को राशि मुहैया कराया लेकिन कांग्रेस और झामुमो की सरकार ने आमजन के लिए एक भी कार्य नहीं किया।
उन्होंने कहा कि दीदी किचन, थानों में सामुदायिक किचन से लेकर आंगनबाड़ी तक में बड़े-बड़े घोटाले हुए इस बात पर सवाल खुद राज्य सरकार में शामिल विधायक और मंत्री ने भी उठाया था।
सरकार बमुश्किल पांच से सात फ़ीसदी लोगों को खाना दिया।
उन्होंने कहा कि राज्य में जन वितरण प्रणाली व सरकार की लचर व्यवस्था के कारण अब तक 16 से ज्यादा लोगों की भूख से मौत हो चुकी है।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस और झामुमो की सरकार ने धान खरीदने के लिए 25 सौ रुपये एमएसपी देने का वादा किया था।
बीपीएल और एपीएल कार्ड धारकों को 35 केजी अनाज बीपीएल का सर्वे करवा कर नए नाम जोड़ने सहित कई वादा किया था, आज सभी अधूरे हैं।
उन्होंने कहा कि पूर्वर्ती की रघुवर सरकार ने पीओएस मशीन लगाया।
33 लाख से ज्यादा परिवारों को एलपीजी गैस सिलेंडर एवं चूल्हा, आधार कार्ड से जोड़कर पीडीएस में भ्रष्टाचार समाप्त, 58 लाख परिवारों को रास्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून से जोड़ा गया।
आयोडीन युक्त नमक एक रुपया प्रति किलो, मुख्यमंत्री कैंटीन योजना के तहत रात में भोजन सहित कई प्रमुख योजना की शुरुवात की थी।
इसमें ज्यादातर प्रमुख योजनाओं को कांग्रेस, झामुमो की सरकार ने बंद कर दिया है।
उन्होंने कहा कि हेमन्त सरकार में टेंडर घोटाला हुआ है।
जिला के अंतगर्त प्रखंड स्तरीय डोर स्टेप डिलीवरी 2020 से 2022 तक के लिए टेंडर हुआ जिसमें मात्र दो कार्य दिवस का समय दिया गया था।
जबकि टेंडर के लिए चरित्र प्रमाण पत्र, बैंक गारंटी एवं वाहन कागजात बनाना दो दिन में संभव नहीं है।
इससे साबित होता है कि कम समय देकर पूर्व से सत्ता से शामिल लोगों द्वारा टेंडर डालने का कार्य किया गया।