रांची: झारखंड विधानसभा के बजट सत्र (Jharkhand Assembly Budget Session) के चौथे दिन गुरुवार को कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने कहा कि नाबार्ड द्वारा FPO योजना (FPO Scheme) की स्कीम झारखंड में लागू है।
इस स्कीम के तहत छोटे एवं सीमांत किसानों (Small and Marginal Farmers) को एकीकृत कर कंपनी या को ऑपरेटिव अधिनियम में निबंधित कराया जाता है, ताकि वे संगठित रूप से इनपुट की खरीद कर किसानों को उपलब्ध कराए तथा कृषि उपज को E-NAM तथा अन्य माध्यम से बाजार तक ले जाकर सही मूल्य दिलवाएं।
उन्होंने कहा कि नाबार्ड द्वारा वर्ष 2020-21 से झारखंड राज्य में भारत सरकार की 10000 FPO की सेंट्रल सेक्टर योजना में 68 एफपीओ का गठन किया गया है और उन्हें पांच वर्षों तक मदद किया जाएगा।
इसके अलावा और भी कई एजेंसी (Agency) के माध्यम से FPO का गठन किया गया है, जिसकी संख्या 257 है। यह एजेंसी भी भारत सरकार के गाइडलाइन पर चलता है। मंत्री कांग्रेस विधायक शिल्पी नेहा तिर्की के अल्पसूचित प्रश्न का जवाब दे रहे थे।
अंचलाधिकारी के भ्रष्टाचार की जांच कर तीन सप्ताह में रिपोर्ट देंगे : मंत्री
विधायक कमलेश सिंह (Kamlesh Singh) ने हुसैनाबाद के अंचलाधिकारी एनके राम पर ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के माध्यम से गंभीर आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि हुसैनाबाद अंचलाधिकारी ने 1956-57 से अभी तक का रशीद एक साथ ही काट दिया है।
इसमें बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार हुआ है। उन्होंने कहा कि ऐसे पदाधिकारी पर कठोर कार्रवाई होनी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि यदि उनका आरोप गलत साबित हुआ तो वह सदन से इस्तीफा दे देंगे।
जवाब में प्रभारी मंत्री जोबा मांझी (Joba Manjhi) ने कहा कि पूरे मामले की जांच पलामू उपायुक्त से कराकर तीन सप्ताह में रिपोर्ट देंगे। मंत्री के जवाब पर विधायक कमलेश सिंह ने कहा कि तीन सप्ताह नहीं दो सप्ताह के भीतर जांच कर कार्रवाई हो।
उन्होंने कहा कि सदन में सवाल आने के बाद भी जब भ्रष्ट पदाधिकारी को बचाया जाएगा तो इस सदन का क्या औचित्य (Propriety) रहेगा। इसपर मंत्री ने कहा कि चलते सत्र में ही जांच कर जवाब दिया जाएगा और कार्रवाई भी होगी।