रामगढ़: रामगढ़ थाना (Ramgarh Police Station) क्षेत्र अंतर्गत हेसला गांव में बायोजेनेटिक प्लांट (Biogenetic Plant) में शुक्रवार को आग लग गई। वह आग प्लांट में रखे गए मेडिकल वेस्टेज (Medical Waste) में लगी।
पूरे इलाके में जहरीला धुआं फैलने लगा। घटना की सूचना पाकर फायर ब्रिगेड (Fire Brigade) की टीम घटनास्थल पर पहुंची। घंटों प्रयास के बाद फायर ब्रिगेड की टीम उस आग पर काबू पाने में सफल हुई।
कोरोना काल से रखे गए मेडिकल वेस्टेज में लगी थी आग
बॉयोजेनेटिक मेडिकल वेस्टेज प्लांट (Biogenetic Medical Waste Plant) में पिछले दो वर्षों से मेडिकल वेस्टेज रखे गए थे। वहां के कर्मचारियों से बात की गई, तो प्लांट प्रबंधन की घोर लापरवाही भी सामने आई।
प्लांट में काम करने वाले मजदूरों ने बताया कि Corona काल से ही मेडिकल वेस्टेज बाउंड्री के अंदर फेंक कर रखे गए थे। आज प्लांट के बाहर आग लगी हुई थी, जिसकी चिंगारी से प्लांट के अंदर भी आग लग गई। Medical Waste को समय पर संधारित नहीं करने की वजह से आज यह दुर्घटना हुई है।
ठेंगे पर कानून को रखते हैं प्लांट के मालिक
प्लांट में बरती जाने वाली घोर लापरवाही को लेकर जब मीडिया वालों ने प्लांट मालिक धनबाद (Dhanbad) निवासी डॉक्टर एस के सिंह से सवाल किए तो उन्होंने कहा कि वे कानून को ठेंगे पर रखते हैं।
मीडिया को जो छापना है छापे। मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता। मैं उस प्लांट में काम करूं या ना करूं इससे किसी को कोई फर्क नहीं पड़ना चाहिए। इसका जवाब मैं नहीं दूंगा।
हवा में जहर घोल रहा प्लांट
इस मामले में जब प्लांट के अकाउंटेंट अशोक सिंह से बात की गई तो उन्होंने कहा कि कोरोना काल में सबसे पहले COVID-19 से संबंधित मेडिकल वेस्ट को डिस्पोजल करना था।
उसी वक्त से काफी सारे मेडिकल वेस्टेज वहां जमा हो गए। यही वजह था कि वहां वेस्टेज का अंबार लग गया। उन्होंने यह भी माना कि बाउंड्री वॉल (Boundary Wall) के अंदर में खुले में ही मेडिकल वेस्टेज को रखा गया था।
शायद यही वजह थी जब बाहर से उड़ी चिंगारी वहां पड़ी तो भीषण आग लग गई। मेडिकल वेस्टेज में लगी आग से निकलने वाला धुंआ हवा में घंटों जहर घोलता रहा।
प्लांट में नहीं है फायर सेफ्टी प्लान
फायर ब्रिगेड टीम के प्रभारी महेंद्र सिंह ने बताया कि Medical Waste Plant में फायर सेफ्टी प्लान (Fire Safety Plan) नाम की कोई चीज नहीं है।
प्लांट से आग की लपटें उठ रही थी। उस आग को बुझाने में चार गाड़ी पानी खर्च हुए। प्लांट प्रबंधन को फायर सेफ्टी प्लान के बिना इसका संचालन करना भी उचित नहीं है।