रांची: BJP के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास (Raghuvar Das) ने विधानसभा (Assembly) में पेश किए गए बजट (Budget) की आलोचना की।
उन्होंने कहा कि बजट आमदनी और खर्च का केवल ब्यौरा नहीं होता है, बल्कि आर्थिक एवं सामाजिक उद्देश्यों (Social Objectives) को प्राप्त करने का साध्य और साधन होता है, बल्कि आर्थिक एवं सामाजिक उद्देश्यों को प्राप्त करने का साध्य और साधन होता है।
‘गरीब जनता के लिए पैसा क्यों नहीं किये खर्च’
पूर्व मुख्यमंत्री (Former CM) रघुवर दास ने कहा कि यदि हेमंत सरकार (Hemant Sarkar) के बजट को विकास की कसौटी पर कसा जाए, तो यह खरा नहीं उतरता है।
जब आमदनी और खर्च में विषमता बढ़ रही है तो, इससे सामाजिक समानता (Social Equality) को बढ़ावा कैसे मिलेगा। पिछले 2022-23 के बजट पर हेमंत सरकार को बताना चाहिए कि जो पैसा गरीब जनता के लिए था, वह खर्च क्यों नहीं हुआ?
इसके लिए कौन जिम्मेदार है? सरकार उन पर क्या कार्रवाई कर रही है? अक्षम नेतृत्व और अक्षम सरकार के द्वारा 2023-24 का दिशाहीन बजट पेश किया गया है।
दिशाहीन होकर अंधेरे में लाठी भांज रही सरकार
रघुवर दास ने कहा कि बजट में शिक्षा, स्वास्थ्य, गांव, गरीब, किसान, मजदूर, महिलाओं के लिए कुछ खास नहीं किया। रोजगार पर सरकार ने कुछ नहीं कहा, जिससे उनकी नियत पर सवाल उठ रहा है।
लोग अपनी मांगों को लेकर सड़कों पर हैं। उनसे जो वादा किया गया था वो अभी तक पूरा नहीं हुआ। जनता के साथ सरकार भद्दा मजाक कर रही है।
आवश्यकताएं और प्राथमिकताएं क्या है वो अभी तक सरकार तय नहीं कर पायी है। NDA सरकार द्वारा गरीबों के लिए चलाई गई सारी योजनाओं को बंद कर दिया।
एक कहावत है दिशाहीन पथिक अंधेरे में लाठी भांजता है। उसी प्रकार सरकार भी दिशाहीन होकर अंधेरे में लाठी भांज रही है।