रांची: CM हेमंत सोरेन (Hemant Soren) ने कहा कि पर्यावरण सुरक्षित (Environment Safe) रहेगा तभी हमारा अस्तित्व रहेगा। लेकिन, आज विकास की अंधी दौड़ में जो पैमाने तय किए जा रहे हैं, वहां पर्यावरण पूरी तरह हाशिये पर है।
अगर आज हम नहीं चेते तो आने वाली पीढ़ी को इसका खतरनाक अंजाम भुगतना होगा। इसलिए पर्यावरण संरक्षण (Environment Protection) में हर व्यक्ति को अपनी जिम्मेदारी निभानी होगी।
अगर, हर इंसान इस दिशा में थोड़ा भी योगदान करे तो निश्चित तौर पर पर्यावरण को बेहतर बना सकते हैं। मुख्यमंत्री गुरूवार को मोरहाबादी मैदान (Moharabadi Maidan), रांची में आयोजित 10 दिवसीय पर्यावरण मेला (Environment Fair) के समापन समारोह को संबोधित कर रहे थे।
प्रदूषण के कारण उत्पन्न संकट पर चिंता
मुख्यमंत्री ने तेजी से बढ़ रहे प्रदूषण (Pollution) के कारण उत्पन्न संकट पर चिंता जाहिर करते हुए कहा कि हम पर्यावरण के साथ अपने आप को नुकसान पहुंचा रहे हैं।
अगर हम इसे नहीं समझे तो फिर इसके परिणाम भुगतने को भी तैयार रहें । मेरा मानना है कि पर्यावरण (Environment) संरक्षण के लिए बड़ी मुहिम चलाने से बेहतर है कि हर व्यक्ति इस दिशा में अपना योगदान दें ।
अगर यह शुरुआत करने में सफल होते हैं तो पर्यावरण का नुकसान तो रुकेगा ही , उसकी भरपाई भी करने में कामयाब होंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पर्यावरण संकट (Environmental Crisis) से निपटने के लिए वैश्विक स्तर पर तरह-तरह के अनुसंधान हो रहे हैं।
करोड़ों -अरबों रुपए की लागत वाली बड़ी-बड़ी मशीनों से प्रदूषण को साफ करने की कोशिशें हो रही हैं, फिर भी पर्यावरण का जो नुकसान हो रहा है, उसे रोकने में बहुत कामयाब नहीं हो रहे हैं।
मशीनों के बजाय पेड़ लगाने में खर्च किया जाये
मेरा कहना है कि जितने रुपए बड़ी-बड़ी मशीनों के खरीदने में खर्च किए जा रहे हैं, अगर उस पैसे से पेड़ लगाया जाए तो वह स्वच्छ पर्यावरण के लिए ज्यादा कारगर साबित होगा ।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में सकारात्मक सोच के साथ सरकार लगातार प्रयास कर रही है। हमारी सरकार शहरों में अपने घरों में एक पेड़ लगाने पर पांच यूनिट बिजली Free दे रही है।
इसके अलावा शहरों के बीचो बीच हरियाली का दायरा बढ़ाने की कोशिशें लगातार जारी है। सरकारी महकमा स्पष्ट निर्देश है कि पेड़ लगाने और उसके संरक्षण के लिए हर मुमकिन कदम उठाए जाएं।
इतना ही नहीं, जंगलों में और उसके कई किलोमीटर की परिधि में आरा मशीन लगाने को प्रतिबंधित कर दिया गया है । ये सभी प्रयास पर्यावरण को सुरक्षित रखने की दिशा में हो रहा है।
हर व्यक्ति योगदान करे तो हमारा पर्यावरण साफ- सुथरा, स्वच्छ और सुहाना होगा
आगे भी सरकार इस दिशा में कई और निर्णय लेने जा रही है। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि हमारी सरकार ने विभिन्न कार्यक्रमों में बुके की बजाए पौधे देने की परंपरा शुरू की है जिसका सीधा संबंध पर्यावरण संरक्षण से है।
मुख्यमंत्री ने 1990 के दशक को याद करते हुए कहा कि उस समय रांची की आबोहवा ऐसी थी कि घरों में पंखे लगाने के लिए हुक भी नहीं हुआ करते थे ।
मौसम हमेशा खुशनुमा बना रखा था, लेकिन आज पेड़ों के जंगलों की बजाय जिस तरह कंक्रीट के जंगल बन रहे हैं, उसने यहां के सुहाने मौसम को छीन लिया है।
ऐसे में आने वाली पीढ़ी को जो वातावरण देने जा रहे हैं, वह अच्छा संकेत नहीं है। इसलिए, पर्यावरण मेला के इस अवसर पर यह संकल्प ले कि अपने घर में कम से कम एक पेड़ जरूर लगाएंगे।
इस दिशा में हर व्यक्ति अपना योगदान करे तो निश्चित तौर पर हमारा पर्यावरण साफ- सुथरा, स्वच्छ और सुहाना होगा।
मुख्यमंत्री ने तीजन बाई को सम्मानित किया
मुख्यमंत्री ने पांडवानी कला (Pandavani Art) की विख्यात लोक कलाकार पद्म विभूषण (Padma Vibhushan) तीजन बाई (Teejan Bai) को सम्मानित किया।
इस मौके पर अपनी पेंटिंग्स के माध्यम से पर्यावरण संरक्षण का संदेश देने वाले रामानुज शेखर और पर्यावरण संरक्षण के लिए जन जागरूकता अभियान चलाने वाले पंचम चौधरी को भी सम्मानित किया।
इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष रवींद्र नाथ महतो और विधायक सरयू राय, कुमार जयमंगल, समरी लाल तथा लंबोदर महतो के अलावा पर्यावरणविद ओम सिंह और युगांतर भारती और नेचर फाउंडेशन के प्रतिनिधिगण विशेष रुप से मौजूद थे।