नई दिल्ली: कृषि कानूनों पर गतिरोध को खत्म करने के लिए प्रदर्शनकारी किसानों के संगठनों और केंद्रीय मंत्रियों के बीच 9वें दौर की वार्ता दिल्ली के विज्ञान भवन में चल रही है।
इस बीच जब दोपहर के भोजन का समय हुआ तो दिल्ली सिख गुरुद्वारा मैनेजमेंट कमिटी की ओर से किसान नेताओं के लिए में लंगर भेजा गया।
कमेटी की तरफ से किसान नेताओं के लिए मिक्स वेज, चावल, रोटी, चाय, बिस्किट और मूंग की दाल का हलवा भेजा गया।
केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, रेलवे, वाणिज्य और खाद्य मंत्री पीयूष गोयल तथा वाणिज्य राज्य मंत्री सोम प्रकाश यहां विज्ञान भवन में 41 किसान संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ चर्चा कर रहे हैं।
इस बैठक को काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। क्योंकि 8 दौर की बातचीत बेनतीजा रही थी।
दरअसल किसान नेताओं के साथ एक बार ही केंद्रीय मंत्रियों द्वारा लंगर चखा गया।
कृषि कानूनों को लेकर किसानों को पैदा होने वाली समस्याएं को समझाने के लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा विशेषज्ञों की कमेटी गठित करने के बावजूद केंद्र सरकार ने आंदोलन की राह पकड़े किसानों से बातचीत जारी रखी है और इसी सिलसिले में शुक्रवार को विज्ञान भवन में किसान प्रतिनिधियों के साथ नौवें दौर की वार्ता चल रही है।
किसान संगठनों के प्रतिनिधि तीनों कृषि कानूनों को निरस्त करने और न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी एमएसपी पर फसलों की खरीद की कानूनी गारंटी देने की अपनी मांगों पर अड़े हुए हैं जबकि सरकार एक बार फिर उनसे कानून पर बिंदुवार चर्चा करना चाहती है।
जहां तक एमएसपी का सवाल है केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने आश्वासन दिया है की एमएसपी पर फसलों की खरीद भी जारी रहेगी और और केंद्र सरकार की खरीद एजेंसी भारतीय खाद्य निगम को आगे और मजबूत किया जाएगा।
हालांकि तीन कृषि कानूनों को लेकर किसानों की समस्याओं के समाधान के लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा विशेषज्ञों की एक कमेटी का गठन किए जाने के बाद किसान नेता पहली बार केंद्रीय मंत्रियों से मिल रहे हैं।
किसान यूनियनों के नेता केंद्र सरकार द्वारा लागू कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) कानून 2020, कृषक (सशक्तीकरण एवं संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा करार कानून 2020 और आवश्यक वस्तु (संशोधन) कानून 2020 को वापस लेने और न्यूनतम समर्थन मूल्य पर फसलों की खरीद की कानूनी गारंटी देने की मांग कर रहे हैं।