रांची: वाकई झारखंड के लिए यह गर्व की बात है कि पूरी तरह यहीं कि धरती पर बनी फिल्म ‘लोहरदगा‘ (Film Lohardaga) 10 मार्च 2023 यानी कल रिलीज हो रही है। यहां के दर्शक लंबे समय से इस फिल्म का इंतजार कर रहे हैं।
फिल्म के निर्देशक लाल विजय शाहदेव (Lal Vijay Shahdev) ने कहा कि यह उनकी पहली फ़िल्म है, जिसे उन्होंने निर्देशित किया है। इस फिल्म में झारखंड के 100 से अधिक स्थानीय कलाकारों ने काम किया है।
फिल्म (Film) में संजय मिश्रा, विजय राज, अखिलेंद्र मिश्रा जैसे प्रतिभाशाली और जाने-माने कलाकार हैं। साथ ही रवि झंकल, दधी पांडे, नीतू पांडे, चारुल मलिक, हंसराज जगताप, सुमित भोक्से, ऋषि ठाकुर, रकीब अरशद, अशोक गोप, मधु रॉय, पंकज सिन्हा, विनोद सोनी, वर्षा लकड़ा, शिशिर पंडित, ओम प्रकाश, काका जी, चंदा कुमारी, प्रिया अंबष्ट ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। फिल्म का कॉन्सेप्ट बीरेंद्र पासवान की है, जिसे लाल विजय शहदेव ने लिखा है।
20 साल के युवक के जीवन की कहानी
इस फिल्म की कहानी लोहरदगा और झारखंड के पड़ोसी क्षेत्रों की सच्ची घटनाओं से प्रेरित है। फिल्म 20 साल के एक युवा देशभक्त मनु (Patriot Manu) की यात्रा को दर्शाती है, जो सेना में भर्ती होना चाहता है।
वह एक गारंटीशुदा सरकारी नौकरी के लालच में एक एजेंट (Agent) के जाल में फंस जाता है। कहानी इस बात के इर्द-गिर्द घूमती है कि क्या होता है,जब मनु अन्य 19 युवा लड़कों के साथ नक्सली बनकर आत्मसमर्पण करने जाता है।
गरीबी और बेरोजगारी से निराश युवाओं की हकीकत को दर्शाती है यह फिल्म
यह दिखाया गया है कि गरीबी और बेरोजगारी (Poverty and Unemployment) से निराश आज के युवाओं को नक्सली समूहों में शामिल करने के लिए ब्रेनवाश किया जा रहा है।
कुछ NGO और अधिकारी शोहरत और पहचान पाने की उम्मीद में इस तरह के फर्जी सरेंडर करने की साजिश रचकर युवाओं की जिंदगी से खिलवाड़ कर रहे हैं। यह फिल्म उन भटके हुए युवाओं को बचाने और उन्हें समाज की मुख्य धारा में वापस लाने का मिशन है। “लोहरदगा” एक भावनात्मक थ्रिलर (Emotional Thriller) है, जो न केवल गंभीर सामाजिक मुद्दों को दिखाती है, बल्कि दर्शकों का मनोरंजन भी करती है।
दिल को छूती है फिल्म की कहानी
फिल्म की निर्माता डॉ. नेहा शांडिल्य ने कहा कि फिल्म की कहानी दिल को छूती है और दर्शक इसकी कहानी से तुरंत जुड़ जाएंगे। देहाती पृष्ठभूमि में पात्रों के यथार्थवादी चित्रण के माध्यम से निर्देशक की दृष्टि जीवित हो गई है।
संजय मिश्रा और विजय राज की जोड़ी का शानदार प्रदर्शन दर्शकों को खूब रास आने वाला है। फिल्म का निर्माण रोज क्वार्ट्ज एंटरटेनमेंट (Quartz Entertainment) के बैनर तले आकृति Entertainment Pvt Ltd के सहयोग से किया गया है।