रांची: पत्रकार रवींद्र नाथ तिवारी मंगलवार को प्रवर्तन निदेशालय (ED) के क्षेत्रीय कार्यालय पहुंचे। उन्हें ED ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (CM Hemant Soren) के विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा (Pankaj Mishra) से RIMS में न्यायिक हिरासत (Judicial Custody) में मुलाकात करने पर एक फरवरी को समन कर 14 मार्च को बुलाया था।
पेइंग वार्ड में पंकज मिश्रा से की मुलाकात
अधिकारिक सूत्रों ने बताया कि ED ने पूछा कि रिम्स में न्यायिक हिरासत के दौरान पंकज मिश्रा से क्यों मिले थे।
पत्रकार ने ED को बताया कि वह अवैध पत्थर खनन (Illegal Stone Mining) के आरोपित पंकज मिश्रा के भ्रष्टाचार (Corruption) का पर्दाफाश करने के लिए न्यायिक हिरासत के दौरान उससे मिले थे।
तिवारी वेब अखबार भारत वार्ता के संपादक हैं और उन्होंने RIMS के पेइंग वार्ड में पंकज मिश्रा से मुलाकात की, जहां उन्हें न्यायिक हिरासत में इलाज के लिए रखा गया था।
इस तथ्य की भी जांच करने का फैसला किया
पूछताछ के दौरान तिवारी ने अवैध पत्थर खनन से संबंधित एक लेख पेश किया, जिसे उन्होंने अपने अखबार में प्रकाशित कराया था।
उन्होंने कहा कि वह एक पत्रकार के तौर पर वहां गए थे और उनका पूरा मकसद अवैध पत्थर खनन के सही तथ्य पेश करना था।
उन्होंने कहा कि उन्होंने यह भी सुना था कि पंकज मिश्रा अक्सर पेइंग वार्ड में लोगों से मिलते हैं। इसलिए उन्होंने इस तथ्य की भी जांच करने का फैसला किया कि आरोप सही हैं या नहीं।
ED ने अवैध पत्थर खनन घोटाले की जांच के दौरान पंकज मिश्रा को मुख्य साजिशकर्ता के रूप में गिरफ्तार किया है। वह झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के विधायक प्रतिनिधि हैं।
यह आरोप लगाया गया था कि वह अवैध रूप से पेइंग वार्ड में विभिन्न लोगों से मिलता था और नियमित रूप से फोन करता था।