नई दिल्ली: अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS), दिल्ली के डॉक्टरों ने कुछ ऐसा कर दिखाया जिसकी हर और वाहवाही हो रही है। दरअसल महिला के गर्भ (Woman’s Womb) में पल रहे भ्रूण (Fetus) के दिल को महज 90 सेकंड में ठीक किया गया।
AIIMS के कार्डियोथोरेसिक साइंसेज सेंटर (Cardiothoracic Sciences Center) में अंगूर के आकार के दिल का सफल बैलून डाइलेशन (Balloon Dilation) किया गया है।
इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजिस्ट (Interventional Cardiologist) और प्रसूति एवं स्त्री रोग के भ्रूण चिकित्सा विशेषज्ञों (Fetal Medicine Specialists) की टीम ने इस प्रक्रिया को सफल बनाया। इस प्रक्रिया के बाद मां और गर्भ में पल रहे बच्चे की स्थिति बेहतर है।
गर्भ में पल रहे शिशु के हृदय रोग का किया जा सकता है निदान
भ्रूण चिकित्सा विभाग (Department of Fetal Medicine) के साथ कार्डियोलॉजी और कार्डियक एनेस्थीसिया विभाग (Department of Cardiology and Cardiac Anesthesia) के डॉक्टर Fetus की निगरानी कर रहे हैं।
इस दौरान देखा जा रहा है कि भविष्य में Fetus के दिल के कक्ष का विकास सही से होगा या नहीं। डॉक्टरों का कहना है कि गर्भ में रहने के दौरान बच्चे में होने वाले गंभीर हृदय रोगों का निदान किया जा सकता है। गर्भ में इलाज से बच्चे का विकास जन्म के बाद बेहतर हो सकता है।
कैसे होती है यह प्रक्रिया
डॉक्टरों का कहना है कि गर्भस्थ (Pregnant) के दिल में यह एक अवरुद्ध वाल्व का गुब्बारा फैलाव है। इस प्रक्रिया को Ultrasound की मदद से की जाती है।
इस प्रक्रिया में मां के पेट के माध्यम से बच्चे के दिल में एक सुई डाली गई। फिर गुब्बारे कैथेटर (Balloon Catheter) का उपयोग करके, रक्त प्रवाह में सुधार के लिए बाधित वाल्व को खोला गया।
इस प्रक्रिया के बाद डॉक्टरों का दावा है कि Fetus का दिल बेहतर विकसित होगा और जन्म के समय हृदय रोग (Heart Disease) कम गंभीर होगा। डॉक्टर ने कहा कि इस तरह की प्रक्रिया से Fetus के जीवन का खतरा हो सकता है। इसे अत्यधिक सावधानी के साथ किया जाता है।
ज्यादा वक्त लगने पर बच्चे की हो सकती है मृत्यु
आम तौर पर एंजियोग्राफी (Angiography) के तहत ऐसी प्रक्रिया की जाती है, लेकिन इस मामले में ऐसा नहीं कर सकते थे।
यहां सब कुछ Ultrasound मार्गदर्शन के तहत किया जाता है। इसे करने के लिए ज्यादा समय भी नहीं ले सकते थे, यदि समय ज्यादा लगता तो बच्चा मर सकता था।
AIIMS में Cardiothoracic Sciences Center की टीम के वरिष्ठ डॉक्टर ने कहा यह प्रक्रिया महज 90 Seconds में की गई।
तीन बार महिला का हो चुका है गर्भपात
AIIMS में आई 28 वर्षीय गर्भवती महिला (Pregnant Woman) इससे पहले तीन बार गर्भपात (Abortion) हो चुका था। महिला अपने बच्चे को खोना नहीं चाहती थी।
डॉक्टरों द्वारा बच्चे की हृदय की स्थिति के बारे में बताए जाने और परिणाम में सुधार की इच्छा के साथ प्रक्रिया के लिए सहमति देने के बाद माता-पिता वर्तमान गर्भावस्था को जारी रखना चाहते थे।