पटना: बिहार के उप मुख्यमंत्री (Deputy Chief Minister) सुशील मोदी ने लालू परिवार को लेकर शनिवार को एक बार फिर से बड़ा खुलासा किया है।
उन्होंने कहा कि ED की इंट्री अब नौकरी के बदले जमीन मामले में सबूतों के आधार पर हुई है।
बिहार में शराब फैक्टरी लगाने वाले बड़े कारोबारी की करोड़ों की संपत्ति का मालिक लालू परिवार हो गया।
सुशील मोदी ने कहा कि राबड़ी देवी के शासनकाल में अमित कात्याल की कंपनी ने बिहटा में आईसबर्ग इंडस्ट्रीज (Iceberg Industries) शराब फैक्टरी लगाई थी।
अमित कात्याल के नाम पर एके इंफोसिस कंपनी (Infosys Company) बनाई गई। फिर लालू परिवार इस कंपनी का मालिक हो गया। वर्तमान में इस कंपनी के 100 फीसदी शेयर राबड़ी-तेजस्वी के पास हैं।
लालू परिवार के भ्रष्टाचार की पोल
भाजपा प्रदेश कार्यालय में शनिवार को संवाददाता सम्मेलन कर राज्यसभा सांसद सुशील मोदी ने लालू परिवार के भ्रष्टाचार (Corruption) की पोल खोली। मोदी ने कहा कि लालू प्रसाद का नारा है- तुम मुझे जमीन दो मैं तुम्हारा काम करूंगा।
मोदी ने एके इंफोसिस के इतिहास (History) के बारे में लोगों को जानकारी दी है।
मोदी ने कहा कि ‘रेलवे नौकरी के बदले जमीन घोटाला’ मामले में राज्य के उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव से D-1088 न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी, नई दिल्ली के चार मंजिला मकान, जिसकी कीमत 150 करोड़ होगी, में ED ने पूछताछ की है।
यह आलीशान ‘मकान एके इंफोसिस्टम प्राइवेट लिमिटेड (Infosystems Private Limited) का रजिस्टर्ड कार्यालय है।
इसी एके इंफो को हजारी राय महुआ बाग पटना ने सेल डीड नम्बर 2892 दिनांक 21 फरवरी, 2007 को 9527 वर्ग फुट भूखंड 10 लाख 83 हजार में नगद भुगतान कर स्थानांतरित किया।
हजारी राय के 2 भतीजे दिल चंद्र कुमार और प्रेम चंद्र कुमार को जबलपुर और कोलकाता में रेलवे में 2006 में नौकरी मिल गई ।
रेलवे में नौकरी के बदले जमीन लिखवाई
इस एके इंफो. कंपनी के 2014 में तेजस्वी यादव और राबड़ी देवी मालिक बन गए। इस कंपनी के 100 प्रतिशत शेयर राबड़ी, तेजस्वी के नाम है। 8,500 शेयर राबड़ी देवी एवं 1,500 शेयर तेजस्वी यादव के पास हैं।
वर्तमान में इस कंपनी की डायरेक्टर (Director) रागिनी लालू हैं। इस प्रकार 2014 से इस कंपनी पर लालू परिवार का एकाधिकार है।
इसी कंपनी में रेलवे (Railway) में नौकरी के बदले जमीन लिखवाई गई और अब इस जमीन के मालिक राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव हैं।
एके इंफोसिस (Infosys) का जमीन खरीद पटना और दानापुर सर्किल के मौजा चितकोहरा, सलेमपुर, चितनावां, बभनगावां, पानापुर में 21 भूखंड, जिसका क्षेत्रफल 221 डिसमिल है, को 2007-10 के बीच 2 करोड़ 16 लाख में खरीदा गया।
इस कंपनी को जमीन खरीदने के लिए अमित कात्याल ने 45 लाख 50 हजार का ऋण दिया।
राबड़ी देवी ने भी 01 करोड़ 54 लाख का 2018 लोन दिया। इस प्रकार तेजस्वी यादव एके इंफो के माध्यम से करोड़ों की संपत्ति (Property) के मालिक बन बैठे।
सांसद ने किए सवाल-
•अमित कत्याल ने लालू के बेटे-बेटियों को क्यों अपनी कंपनी का डायरेक्टर बनाया ?
•क्यों कात्याल परिवार ने एक लाख में अपने सारे शेयर राबड़ी देवी और तेजस्वी को दे दिया ?
•क्यों अमित कात्याल ने 45 लाख का कर्ज दिया जो आज तक वापस नहीं हुआ ?
•क्यों एके इंफो ने रेलवे में नौकरी के लाभार्थी से जमीन लिखवा लिया ?
•क्यों इस कंपनी ने 01 करोड़ 89 लाख के अनेक भूखंड खरीदे ?
•क्यों इस कंपनी ने अपने स्थापना काल से आज तक कोई व्यवसाय नहीं किया ?
•कोई टर्न ओवर नहीं किया। केवल जमीन खरीदने का काम किया?
•कैसे तेजस्वी यादव मात्र 15 हजार खर्च कर करोड़ों की संपत्ति के मालिक बन गए ?
•क्यों अमित कात्याल और उनके भाई राजेश कात्याल ने इस कंपनी के सारे शेयर एक लाख में राबड़ी देवी और तेजस्वी को बेच दिया ?
•तेजस्वी यादव, चंदा यादव, तेज प्रताप लंबे समय तक इस कंपनी के डायरेक्टर भी थे ?
•क्यों इस कंपनी का इस्तेमाल रेलवे नौकरी के लाभार्थी की जमीन लिखवाने में किया गया ?
•क्या कारण है कि लालू के रेल मंत्री के दौरान ही अधिकांश जमीन खरीदी गई ?