रांची: CM Hemant Soren शुक्रवार को सरहुल त्योहार (Sarhul Festival) पर आदिवासी ब्वायज हॉस्टल (Adivasi Boys Hostel) पहुंचे। वे मांदर की थाप पर झूमे और लोगों को भी झूमाया। साथ ही उन्होंने सभी को सरहुल की बधाई दी।
सरहुल प्रकृति से जुड़ाव का प्रतीक
मुख्यमंत्री ने यहां कहा कि हर तरफ हर्ष, उत्साह और जश्न का माहौल। सदियों से चली आ रही यह परंपरा बताती है कि प्रकृति पर्व सरहुल का आदिवासी समाज (Tribal Society) में कितनी अहमियत है।
Sarhul सिर्फ एक त्योहार नहीं है। यह प्रकृति से जुड़ाव का प्रतीक है।
उन्होंने कहा कि छात्रावासों (Hostels)को सुसज्जित और जरूरी सुविधाएं उपलब्ध कराने का सरकार ने निर्णय लिया है।
छात्रावासों के जीर्णोद्धार का कार्य भी शुरू हो चुका है। इस कड़ी में आदिवासी छात्रावास को भी नया आयाम देने की कार्य योजना बन चुकी है।
यहां बच्चे और बच्चियों के लिए अलग-अलग मल्टी स्टोरी छात्रावास (Multi Storey Hostel) बनेंगे, जहां पढ़ाई करने वाले 500 लड़के और 500 लड़कियों के रहने की मुकम्मल व्यवस्था होगी।
उन्होंने रांची वीमेंस कॉलेज (Ranchi Women’s College) के साइंस और आर्ट्स ब्लॉक (Science and Arts Block) के जीर्णोद्धार (Restoration)करने की घोषणा की।
सरना और मसना स्थलों को किया जा रहा संरक्षित
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरना और मसना स्थल आदिवासियों की आस्था से जुड़ा है। इसे संरक्षित रखने की दिशा में सरकार कार्य कर रही है।
उन्होंने लोगों से कहा कि सामाजिक धरोहरों (Social Heritage) को अक्षुण्ण रखने में समाज को भी जिम्मेदारी निभानी होगी।
सरकार के प्रयास और आपके योगदान से हम अपने सामाजिक -धार्मिक धरोहर को अलग पहचान दे सकते हैं।