नई दिल्ली: Congress के पूर्व अध्यक्ष (Former Chairman) राहुल गांधी ने लोकसभा की सदस्यता से अयोग्य ठहराए जाने के बाद शनिवार को कहा कि वह लोकतंत्र की लड़ाई लड़ रहे हैं और डरने वाले नहीं हैं।
उन्होंने यह भी कहा कि भारतीय जनता पार्टी (Bharatiya Janata Party) अडाणी समूह से जुड़े सवालों से ध्यान भटकाने के लिए उन पर ओबीसी समुदाय के अपमान का आरोप लगा रही है।
अडाणी मामले पर बोलेंगे
राहुल गांधी ने कहा, ‘असली सवाल यह है कि Adani समूह में 20 हजार करोड़ रुपये का निवेश किया गया है, वो पैसा किसका है?’
उन्होंने दावा किया कि उन्हें लोकसभा की सदस्यता से अयोग्य ठहराया गया क्योंकि PM नरेंद्र मोदी इससे डरे हुए थे कि वह फिर से सदन में अडाणी (Adani) मामले पर बोलेंगे।
कांग्रेस नेता ने कहा, ‘अडाणी (Adani) जी की शेल कंपनी हैं, उनमें 20 हजार करोड़ रुपया किसी ने निवेश किया है, ये पैसे किसके हैं? यह सवाल मैंने पूछा।
मोदी जी और Adani जी के रिश्ते के बारे में पूछा। मेरी बातों को सदन की कार्यवाही से हटाया गया।’
लोकसभा की सदस्यता के अयोग्य
राहुल गांधी ने कहा, ‘मेरे बारे में मंत्रियों ने झूठ बोला, जबकि मैंने कोई ऐसी बात नहीं की थी जिसका दावा किया गया था।
मैंने लोकसभा अध्यक्ष (Speaker) से आग्रह किया कि मुझे जवाब देने का मौका मिले, लेकिन मौका नहीं मिला।
उन्होंने इस बात पर जोर दिया, ‘हिंदुस्तान के लोकतंत्र (Democracy) के लिये लड़ रहा हूं, आगे भी लडता रहूंगा। मैं नहीं डरता।’
केरल की वायनाड संसदीय सीट का प्रतिनिधित्व कर रहे राहुल गांधी को सूरत की एक अदालत द्वारा वर्ष 2019 के मानहानि के एक मामले में सजा सुनाये जाने के मद्देनजर शुक्रवार को लोकसभा की सदस्यता के लिए अयोग्य ठहरा दिया गया।
लोकसभा सचिवालय (Lok Sabha Secretariat) की ओर से जारी अधिसूचना में कहा गया है कि उनका अयोग्यता संबंधी आदेश 23 मार्च से प्रभावी होगा।
आपराधिक मानहानि के मामले
अधिसूचना में कहा गया है कि उन्हें (राहुल गांधी) संविधान के अनुच्छेद 102 (1) और जन प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 8 के तहत अयोग्य (Unfit) घोषित किया गया है।
उल्लेखनीय है कि सूरत की एक अदालत ने ‘‘मोदी उपनाम’’ संबंधी टिप्पणी को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी के खिलाफ 2019 में दर्ज आपराधिक मानहानि के एक मामले में उन्हें बृहस्पतिवार को दोषी ठहराया तथा दो साल कारावास (Imprisonment) की सजा सुनाई।