रांची: हमारे पर्व-त्योहार समाज को भावनात्मक रूप से जोड़ते भी हैं और कभी- कभार उनकी तिथियां संयोग के महत्व को भी समझाती हैं।
आज से ठीक 65 साल पहले 1958 में नवरात्र (Navratri) और छठ (Chhath) पर्व के साथ रमजान (Ramadan) का दुर्लभ संयोग दिखा था।
इस साल भी ऐसा ही हुआ है। हर ओर भक्ति के साथ इबादत की पवित्र भावना महसूस होती है।
हजारीबाग (Hazaribagh) में इसकी जीवंतता हमें विवादों से अलग रखकर आपस में जोड़ती है।
केंद्रीय कारा में भी भक्ति के साथ इबादत
भक्ति और इबादत का संयोग हजारीबाग के लोकनायक जयप्रकाश नारायण (Jai Prakash Narayan) केंद्रीय कारा में भी दिखाई पड़ रहा है।
एक और जेल में जहां जो 200 से अधिक बंदी मां दुर्गा की उपासना कर रहे हैं, वहीं ढाई सौ से अधिक मुस्लिम बंदी रोजा रख रहे हैं।
केंद्रीय कारा अधीक्षक कुमार चंद्रशेखर ने बताया कि जेल प्रशासन नवरात्र का उपवास रखने वाले और रोजा रखने वाले रोजेदारों को आस्था के मुताबिक फलाहार और खाद्य सामग्री उपलब्ध करा रहा है।