नई दिल्ली: केंद्रीय गृह और सहकारिता मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने सहारा समूह (Sahara Group) के निवेशकों को निवेशित रकम ब्याज सहित मिलने की उम्मीद जताई है।
हरिद्वार (Haridwar) में कई सहकारी योजनाओं के डिजिटलीकरण (Digitization) का शुभारंभ करने आये अमित शाह ने Sahara Group में करोड़ों निवेशकों की फंसी हुई रकम की वापसी को लेकर बड़ी बात कही।
उन्होंने कहा कि Sahara Group की चार सहकारी समितियों में फंसी 10 करोड़ निवेशकों की राशि और ब्याज का पैसा केंद्रीय सहकारिता मंत्रालय की पहल पर उच्चतम न्यायालय ने वापस करने का आदेश दिया है।
उन्होंने कहा कि Sahara निवेशक, सहकारी समितियों के केंद्रीय पंजीयक के पास अपनी निवेश राशि की वापसी की डिमांड भेज दें।
उन्होंने Sahara में रकम निवेश करने वालों को आश्वस्त किया कि आवेदन करने के बाद चार महीने में उनका पैसा वापस मिल जाएगा।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर बनाया गया प्लान
केंद्र सरकार ने कहा है कि समूह में पैसे लगाने वाले 10 करोड़ निवेशकों को 9 महीने के भीतर रिफंड मिल जाएगा।
सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के आदेश पर सरकार ने सहारा समूह की को-ऑपरेटिव सोसाइटीज (Co-Operative Societies) में पैसा लगाने वालों को रिफंड दिलाने का पूरा प्लान बना लिया है।
इसके तहत Sahara-SEBI रिफंड अकाउंट (Sahara-SEBI Refund Account) में जमा 5000 करोड़ की राशि को सेंट्रल रजिस्ट्रार के खाते में ट्रांसफर किया जाएगा और फिर निवेशकों तक लौटाया जाएगा।
10 करोड़ निवेशकों का पैसा लौटाने का रास्ता साफ
केंद्रीय सहकारी मंत्रालय ने एक ऑफिशियल बयान (Official Statement) में कहा, सुप्रीम कोर्ट के ऐतिहासिक फैसले के बाद 10 करोड़ निवेशकों का पैसा लौटाने का रास्ता साफ हो चुका है।
इन निवेशकों ने सहारा समूह की 4 सहकारी समितियों में पैसा लगाया था। अब Sahara-SEBI Refund Account में जमा राशि को निवेशकों को लौटाया जाएगा।
यहां निवेश करने वालों को मिलेगा पैसा
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार, सहारा समूह की 4 को-ऑपरेटिव सोसाइटी में पैसे लगाने वालों को रिफंड मिलेगा।
इसमें सहारा क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड (Sahara Credit Co-Operative Society Limited), सहारयन यूनिवर्सल मल्टीपर्पज सोसाइटी लिमिटेड, हमारा इंडिया क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड और स्टार्स मल्टीपर्पज को-ऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड (Stars Multipurpose Co-operative Society Limited) जैसी योजनाएं शामिल हैं।
ये सभी योजनाएं मल्टी-स्टेट को-ऑपरेटिव सोसाइटीज एक्ट 2002 के तहत मार्च 2010 से जनवरी 2014 के बीच पंजीकृत कराई गई हैं।
9 महीने में करना होगा पूरा भुगतान
सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि भुगतान की पूरी प्रक्रिया 9 महीने में कंप्लीट हो जानी चाहिए।
इससे पहले शीर्ष अदालत ने केंद्र की उस अपील को स्वीकार कर लिया था, जिसमें सहारा समूह में जमा 24 हजार करोड़ रुपये में से सेबी के पास रखे 5000 करोड़ रुपये को भी आवंटित करने का आवेदन दिया गया था।
इससे पहले सहारा समूह की 4 Co-Operative Societies में पैसे लगाने वाले देशभर के लाखों निवेशकों ने अपने पैसे वापस न किए जाने की शिकायत की थी।
इसके बाद सभी Societies को नोटिस जारी किया गया और सेंट्रल रजिस्ट्रार (Central Registrar) ने सुनवाई भी की थी।
सेंट्रल रजिस्ट्रार (Central Registrar) ने सभी सोसाइटीज को जल्द पैसा लौटाने और नई जमाओं पर रोक लगाने का आदेश दिया था।