खूंटी: घोर नक्सल (Naxal) प्रभावित अड़की थाना क्षेत्र के मारंगबुरू गांव की बंधनी मुंडा (4) एक बार फिर अपनी दोनों आंखों से दे पा रही है। इसकी खुशी उसके चेहरे पर साफ झलकती है।
और यह संभव हुआ है खूंटी के अनिगड़ा स्थित एसजीवीएस नेत्र अस्पताल (SGVS Eye Hospital) और हैदराबाद कें प्रख्यात नेत्र रोग विशेषज्ञ (Ophthalmologist) डॉ कार्तिक जे कार्तिक और उनके 3 सहायक डॉक्टरों के प्रयास से।
बच्ची को अस्पताल लेकर आने को कहा
जानकारी के अनुसार मारंगबुरू गांव के गरीब किसान तुरी मुंडा की बेटी की आखों में मोतियाबिंद (Cataracts) हो गया। इसकें कारण वह देख नहीं पा रही थी।
अस्पताल की डाटा मैनेजर ने बताया कि SGVS Hospital की टीम मारंगबुरू गांव गई थी।
वहीं उक्त बच्चीे के मोतियाबिंद की जानकारी मिली। अस्पताल के कर्मचारियों ने बच्ची के पिता तुरी मुंडा से मुलाकात की और उन्हें बच्ची को अस्पताल लेकर आने को कहा।
तुरी ने बताया कि वह बहुत गरीब है और उसके पास आयुष्मान कार्ड (Ayushman Card) भी नहीं है।
निजी अस्पताल में बच्ची की आंखों के ऑपरेशन
निजी अस्पताल में बच्ची की आंखों के ऑपरेशन में 50 हजार से एक लाख रुपये का खर्च बताया जाता। गरीबी की मार से तुरी हताश हो गया था और उसने बच्चीे का इलाज कराना छोड़ दिया, लेकिन SGVS Hospital के कर्मचारियों के समझाने पर वह अपनी बच्ची को लेकर अस्पताल आया, जहां देा अप्रैल को बच्ची की आंख का सफल ऑपरेशन डॉ कार्तिक की टीम ने किया।
किसान तूरी मुण्डा ने बताया कि दशहरा के दौरान उसके बेटे ने अपनी बहन बंधनी की आंख में पिचकारी से मार दिया था।
इसके कारण उसककी आखों में लालिमा आ गई और धीरे-धीरे मोतियाबिंद हो गया। डॉ कार्तिक जे कार्तिक ने बताया कि चोट लगने से होने के कारण Cataracts क्रिटिकल था।
चार वर्षीय बच्ची के शल्य चिकित्सा के लिए प्राइवेट अस्पतालों (Private Hospitals) 40 हजार से एक लाख रुपए तक का खर्च आ सकता था, लेकिन अस्पताल प्रबंधन द्वारा निशुल्क उपचार (Free Treatment) कराकर एक नेक कार्य किया गया है।
गरीब बच्ची का उपचार
उन्होंने कहा कि गरीब बच्ची का उपचार करने में उन्हें भी काफी अच्छा लगा।
डाटा मैनेजर ने बताया कि पद्मभूषण कड़िया मुंडा और जिला अंधपन निवारण समिति के अध्यक्ष और खूंटी के उपायुक्त शशि रंजन की प्रेरणा से SGVS Hospital में हर वर्ष हजारों लोगों के मोतियाबिंद का निःशुल्क ऑपरेशन (Free Operation) किया जाता है।