रांची: 8 वर्षों से BJP में रहे Jharkhand के कद्दावर नेता हेमलाल मुर्मू 11 अप्रैल को फिर झामुमो का दामन थाम लेंगे।
वह भोगनाडीह में मुख्यमंत्री Hemant Soren की उपस्थिति में झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) का दामन थामेंगे।
कभी झामुमो में बड़ा कद रखने वाले इस नेता की घरवापसी से झारखंड में संथाल की राजनीति में बड़े बदलाव के संकेत मिल रहे हैं।
फेसबुक और व्हाट्सएप पर चलता है BJP का संगठन
भाजपा छोड़कर फिर झामुमो में जाने को लेकर मुर्मू ने एक बातचीत में कहा किसंथाल में भारतीय जनता पार्टी (BJP) ग्रास रुट की राजनीति नहीं करती है। संगठन Whatsapp और Facebook पर चलता है।
ऐसे में झामुमो ही उनके लिए एक बेहतर विकल्प था, जहां समाज के अंतिम पायदान पर बैठे लोगों के लिए कुछ किया जा सकता है।
हेमंत से दूर हो गए तमाम गिले-शिकवे
मुर्मू ने बताया कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से वे तमाम गिले-शिकवे दूर हो गए, जिसकी वजह से आपने JMM को छोड़ा था।
उन्हें उम्मीद है कि संगठन में काम करने का मौका मिलेगा।
जब संगठन मजबूत होगा तो उसका लाभ JMM को भी मिलेगा और उन्हें भी।
2024 में घट जाएंगी लोकसभा की सीटें
मुर्मू ने कहा कि उन्हें ऐसा लगता है कि राज्य में भारतीय जनता पार्टी (BJP) का ग्राफ गिरा है और 2024 के लोकसभा चुनाव में उनकी सीटें घट जाएंगी।
अगले विधानसभा चुनाव (Assembly Elections) के बाद एक बार फिर हेमंत सोरेन की सत्ता में वापसी होगी।