नई दिल्ली: पूर्व वित्त मंत्री (Former Finance Minister) पी. चिदंबरम ने बुधवार को कहा कि सत्ता पक्ष ने Budget पर संसद में बहस की इजाजत नहीं दी।
चिदंबरम का यह बयान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) के यह कहने के बाद आया है कि बजट पर चर्चा नहीं हुई।
चिदंबरम ने कहा, बिना बहस के बजट पारित होने के लिए कौन जिम्मेदार है? भारतीय संसदीय इतिहास में यह पहली बार हुआ है कि ट्रेजरी बेंच (Treasury Bench) ने हंगामे और व्यवधान (Obstacle) की शुरूआत की और बहस को रोक दिया।
उच्च ऋण लागत के कारण खपत में गिरावट
उन्होंने आगे कहा कि विश्व बैंक (World Bank) के अनुसार, मोदी सरकार की पांच साल की औसत वृद्धि (2019-2024) 4.08 प्रतिशत रहेगी और यहां तक कि कोरोना प्रभावित वर्ष के बाद क्रमिक वार्षिक वृद्धि दर (Annual Growth Rate) में भी गिरावट का रुख है।
उन्होंने कहा, विकास दर के बारे में शेखी बघारने वाली एकमात्र सरकार है।
World Bank की मंगलवार को जारी एक रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत की GDP 2023-24 में 6.3 प्रतिशत तक नीचे आने की संभावना है, जबकि इसके पहले के 6.6 प्रतिशत का अनुमान था। मुख्य रूप से उच्च ऋण लागत (High Loan Cost) के कारण खपत में गिरावट आई है।
पिछले साल मई से भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India) महंगाई पर काबू पाने के लिए ब्याज दरों में बढ़ोतरी कर रहा है।
बाहरी कारकों के कारण आर्थिक विकास प्रभावित
विश्व बैंक ने अपने इंडिया डेवलपमेंट अपडेट (India Development Update) में कहा कि सुस्त खपत वृद्धि के साथ-साथ चुनौतीपूर्ण बाहरी कारकों के कारण आर्थिक विकास (Economic Development) प्रभावित होने की संभावना है।
उन्होंने कहा, ऋण की बढ़ती लागत और धीमी आय वृद्धि निजी उपभोग वृद्धि पर भार डालेगी और महामारी से संबंधित राजकोषीय (Fiscal) समर्थन उपायों को वापस लेने के कारण सरकारी खपत धीमी गति से बढ़ने का अनुमान है।
रिपोर्ट के अनुसार, भारत का चालू खाता (Current Account) घाटा 2023-24 में घटकर 2.1 प्रतिशत रहने की संभावना है, जबकि 2022-23 में यह 3 प्रतिशत था।