नई दिल्ली: देश की पहली रैपिड रेल (Rapid Rail) का इंतजार हर किसी को है।
खासकर दिल्ली से मेरठ (Delhi to Meerut) तक का सफर करने वाले लोग तो बेसब्री से इसका इंतजार कर रहे हैं।
ऐसे में इसके परिचालन (Operation) को लेकर जल्द ही घोषणा हो सकती है।
उत्तर प्रदेश (UP) में नगर निकाय चुनाव (Municipal Elections) हैं और ऐसे में चुनाव की घोषणा से पहले रैपिड रेल के पहले चरण को शुरू कर दिया जा सकता है।
10 अप्रैल तक हो सकता एलान
निकाय चुनाव (Body Elections) की तारीखों का एलान 10 अप्रैल तक हो सकता है।
उससे पहले ही रैपिड रेल (Rapid Rail) शुरू करने की तैयारी है क्योंकि चुनाव की तारीख का एलान होने के बाद आचार संहिता लग जाने के बाद किसी तरह का कोई उद्घाटन (Inauguration) या कोई नई योजना की शुरुआत नहीं हो सकती है।
इसलिए उम्मीद है कि जल्द ही रैपिड रेल आम यात्रियों को सेवा देने के लिए तैयार होगी।
देश की पहली रैपिड रेल के उद्घाटन के अवसर पर PM नरेन्द्र मोदी (Narendra Modi) और CM योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) गाजियाबाद आ सकते हैं।
लगातार किया जा रहा है ट्रायल
परिचालन से पहले लगातार ट्रायल और हर तरह की सुरक्षा का ध्यान रखा जा रहा है।
NCRTC के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी पुनीत वत्स (Puneet Vats) ने बताया कि यात्रियों के लिए रैपिड ट्रेन (Rapid Train) का परिचालन कब शुरू होगा, यह निर्णय उच्चाधिकारी लेंगे।
साहिबाबाद (Sahibabad) से दुहाई के बीच रैपिड ट्रेन के परिचालन के लिए ट्रैक तैयार है। LRRTS कॉरिडोर का निर्माण कार्य बहुत ही तीव्र गति से किया गया है।
पहले फेस में साहिबाबाद से दुहाई के बीच 17 किलोमीटर के प्रायोरिटी सेक्शन (Priority Section) की शुरुआत होगी। उसके बाद मेरठ तक का ये सफर 2025 तक पूरा होने की उम्मीद है।
जानें रैपिड रेल के फीचर्स
RRTS ट्रेन के डिब्बों में बैठने के लिए आमने-सामने 2Û2 सीटें होंगी। इसके अलावा, यात्री खड़े होकर भी सफर कर सकेंगे।
ऑटोमेटिक प्लग-इन (Automatic Plug-In) दरवाजों के अलावा रैपिड रेल में जरूरत के आधार पर चुनिंदा दरवाजों को खोलने के लिए पुश बटन होंगे।
हर Station पर सभी दरवाजे खोलने की जरूरत नहीं होगी। इसके एनर्जी की भी बचत होगी।
एक डिब्बा महिलाओं के लिए रिजर्व्ड
RRTS ट्रेनों में विशाल, आरामदायक और झुकी हुई सीटें होंगी। इसके अलावा, हर ट्रेन में एक डिब्बा महिलाओं के लिए रिजर्व्ड (Reserved) रहेगा।
प्लेटफॉर्म पर यात्रियों की सुरक्षा के मद्देनजर प्लेटफॉर्म स्क्रीन डोर (PSD) लगाए जाएंगे और ट्रेनों के दरवाजों को इस PSD से जोड़ा जाएगा।
ऐसा होने से यात्रियों के पटरी पर गिरने जैसी दुर्घटनाओं (Accidents) को पूरी तरह खत्म किया जा सकेगा।