नई दिल्ली: Budget Session के दूसरे चरण के आखिरी दिन, गुरुवार को लोक सभा की कार्यवाही को अनिश्चितकाल (Indefinitely) के लिए स्थगित कर दिया गया।
स्थगन से पहले, बजट सत्र के आखिरी दिन भी लोक सभा में Adani मसले पर जांच के लिए जेपीसी गठन की मांग को लेकर जोरदार हंगामा हुआ।
हंगामे के कारण बजट सत्र के दौरान लोक सभा सिर्फ 45 घंटे 55 मिनट ही चल पाई।
इस सत्र के दौरान सिर्फ 6 विधेयक पारित हुए और 8 सरकारी विधेयक (Government Bill) को पुर:स्थापित किया गया।
लगभग 45 घंटे 55 मिनट तक चलीं
विपक्षी दलों के हंगामे और नारेबाजी के बीच बजट सत्र के दौरान हुए कामकाज की जानकारी सदन में देते हुए लोक सभा अध्यक्ष ने बताया कि सत्रहवीं लोक सभा के ग्यारहवें सत्र (Budget Session) के दौरान, सदन की 25 बैठकें हुईं, जो लगभग 45 घंटे 55 मिनट तक चलीं। उन्होंने कहा कि, यह सत्र 31 जनवरी, 2023 को आरंभ हुआ था।
31 जनवरी को राष्ट्रपति (President) ने दोनों सदनों की संयुक्त बैठक (Joint Meeting) में अभिभाषण दिया था।
राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर सदन में 13 घंटे 44 मिनट तक चर्चा हुई और और इसमें 143 सांसदों ने हिस्सा लिया।
प्रधानमंत्री के जवाब के साथ इस चर्चा का समापन हुआ और लोक सभा ने धन्यवाद प्रस्ताव को स्वीकार किया।
बिरला ने आगे बताया कि, एक फरवरी को वित्त मंत्री ने सदन में केंद्रीय बजट (Union Budget) 2023-24 पेश किया, जिस पर सदन में 14 घंटे 45 मिनट तक सामान्य चर्चा चली। इस वाद-विवाद में 145 सांसदों ने भाग लिया और वित्त मंत्री ने चर्चा का उत्तर दिया।
अनुदानों की मांगों को लोक सभा द्वारा 23 मार्च को स्वीकृत किया
उन्होंने बताया कि इस सत्र के दौरान, 8 सरकारी विधेयक पुर:स्थापित किए गए तथा 6 विधेयक पारित किए गए।
सत्र के दौरान 29 तारांकित प्रश्नों का उत्तर दिया गया। प्रश्न काल के बाद सदस्यों द्वारा अविलंबनीय लोक महत्व के कुल 133 मामले उठाए गए तथा नियम 377 के अधीन कुल 436 मामले लिए गए। लोक सभा की विभागों से संबद्ध स्थायी समितियों ने 62 प्रतिवेदन प्रस्तुत किए।
सत्र में निदेश 73अ के अधीन 14 और संसदीय कार्य मंत्री द्वारा संसदीय कामकाज (Parliamentary Business) के संबंध में दिये गये तीन वक्तव्यों सहित 23 वक्तव्य दिए गए। सत्र के दौरान 2799 पत्र सभा पटल पर रखे गए।
केंद्र सरकार (Central Government) के मंत्रालयों/विभागों की वित्त वर्ष (Financial Year) 2023-24 के लिए अनुदानों की मांगों को लोक सभा द्वारा 23 मार्च को स्वीकृत किया गया तथा संबंधित विनियोग विधेयक को पारित किया गया।
उसके उपरांत सभा द्वारा वित्त विधेयक को भी पारित किया गया।
सांसदों का आभार भी व्यक्त किया
उन्होंने सत्र के संचालन में सहयोग करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, संसदीय कार्य मंत्री (Minister of Parliamentary Affairs), विभिन्न दलों के नेताओं, सांसदों, सभापति तालिका में शामिल सांसदों का आभार भी व्यक्त किया।
हालांकि इसके साथ ही लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला ने Budget Session के दौरान हंगामा कर रहे सांसदों को कड़ी फटकार लगाते हुए कहा कि उनका आचरण और व्यवहार संसद के लिए और देश के लिए हितकारी नहीं है।
यह सदन के लिए और देश के लोकतांत्रिक मर्यादा (democratic Decency) के लिए उचित नहीं है।
उन्होंने कहा कि सदन की उच्च कोटि की गरिमा और मर्यादा रही है लेकिन जिस तरह से सदन में आकर आचरण और व्यवहार (वेल में आकर हंगामा और नारेबाजी) किया जा रहा है वह बिल्कुल भी उचित नहीं है।
देर रात तक सदन चलाया गया है
उन्होंने कहा कि वे हर विषय पर चर्चा और संवाद (Dialogue) के लिए तैयार हैं, देर रात तक सदन चलाया गया है और उन्हें बोलने का पर्याप्त समय भी दिया गया।
लेकिन सदन की गरिमा को गिराया जा रहा है जो कतई उचित नहीं है।
उन्होंने कहा कि सदन की कार्यवाही (Proceeding) को नियोजित तरीके से बाधित करना उचित नहीं है।
आज Budget Session के दूसरे चरण का आखिरी दिन था, इसलिए इसके बाद बिरला ने सदन की कार्यवाही को अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दिया।