रांची: झारखंड के शिक्षा मंत्री (Education Minister of Jharkhand) जगरनाथ महतो (Jagarnath Mahato) अब हमारे बीच नहीं रहे, मगर उनकी यादें और तमाम किस्म की उनकी खासियत हमारे जहन में लंबे समय तक बरकरार रहेंगी।
31 जुलाई 1967 को जन्मे जगरनाथ महतो 6 अप्रैल 2023 को हमसे हमेशा के लिए जुदा हो गए। झारखंडी विचारधारा (Jharkhandi Ideology) का ऐसा सशक्त पोषक नेता विरले ही होंगे।
स्थानीयता को लेकर 1932 के खतियान से इस नेता को ऐसा लगाव रहा कि उसने अपनी गाड़ी का नंबर भी 1932 ही रखा था। आज जगरनाथ महतो का यह खांटी झारखंडी स्वभाव किसको आकर्षित नहीं करेगा।
गरीबी में संघर्षमय रहा पूरा जीवन
जगरनाथ महतो का जन्म बोकारो जिले (Bokaro District) के नावाडीह प्रखंड (Nawadih Block) स्थित अलारगो गांव के सिमराकुल्ही में हुआ था।
गरीबी में उनका पूरा जीवन संघर्षमय रहा। उन्होंने संघर्ष से कभी हार नहीं मानी। हर परिस्थिति का मुकाबला किया और अपने राजनीतिक जीवन (Political Life) के साथ साथ पारिवारिक जीवन को भी सफलतापूर्वक आगे बढ़ाया।
वह चार भाइयों और एक बहन में सबसे बड़े थे। उनकी चार बेटियां और एक बेटा है। वह अपने परिवार के प्रति हमेशा उत्तरदायी रहे।
जब इनके एक भाई की हत्या हुई, तो वे व्यक्तिगत तौर पर टूट गए, लेकिन परिवार को बिखरने नहीं दिया।
पूरी शिद्दत के साथ परिवार को एकजुट रखा। उनके शैक्षणिक जीवन (Academic Life) की बात करें, तो वे दसवीं पास थे।
बचपन की गरीबी और बाद के सालों में झारखंड आंदोलन में सक्रियता के कारण उनकी पढ़ाई बीच में ही रुक गई।
अलग राज्य की लड़ाई लड़ने में कभी यहां, कभी वहां रातें गुजारी। इसी दौरान वक्त निकाल कर पढ़ाई भी की और सन-1995 में मैट्रिक (Matric) पास किया। इसके बाद पढ़ाई आगे ना बढ़ सकी।
झारखंड का शिक्षा मंत्री रहते हुए उन्होंने अपनी पढ़ाई को आगे बढ़ाया
साल 2020 में उन्होंने अपनी पढ़ाई को फिर से शुरू करने का फैसला किया। इसके लिए वे उत्साहित भी थे।
जगरनाथ महतो ने बोकारो जिले के नवाडीह स्थित देवी प्रसाद मेमोरियल इंटर कालेज (Devi Prasad Memorial Inter College) में एडमिशन लिया।
यह College भी शिक्षा मंत्री द्वारा ही सन 2006 बनाया गया था। उन्होंने पहले विषय के बतौर राजनीति शास्त्र (Politics) का चुनाव किया।
उनका मानना है कि पॉलिटिक्स (राजनीति) करने वाले व्यक्ति को पॉलिटिकल साइंस (राजनीति शास्त्र) तो पढ़ना ही चाहिए।
राजनीतिक जीवन पर विनोद बिहारी महतो और शिबू सोरेन का प्रभाव
जगरनाथ महतो किस सूट से स्पष्ट हो जाता है कि उनके जीवन में विनोद बिहारी महत्व और शिबू सोरेन (Shibu Soren) का सर्वाधिक प्रभाव रहा।
एक बार मीडिया से बातचीत में उन्होंने खुद इस बात का खुलासा किया था। उन्होंने कहा था कि इनके प्रभाव का ही असर था कि वे झारखंड आंदोलन में शामिल हो गए।
JMM के प्रति अटूट प्रतिबद्धता
झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के प्रति जगरनाथ महतो की प्रतिबद्धता अटूट थी। वह वैसे नेताओं में शामिल थे, जिन्होंने राजनीतिक लाभ या स्वार्थ के लिए कभी भी पार्टी नहीं छोड़ी।
JMM के टिकट पर उन्होंने गिरिडीह लोकसभा क्षेत्र में आने वाली डुमरी विधानसभा का चार बार प्रतिनिधित्व किया। उन्होंने इस सीट से साल 2005, 2009, 2014 और 2019 के विधानसभा चुनाव जीता।
वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में उन्होंने JMM के टिकट पर चुनाव लड़ा, लेकिन AJSU प्रत्याशी चंद्रप्रकाश चौधरी से हार गए।
फिर दिसंबर 2019 के विधानसभा चुनाव में AJSU की यशोदा देवी को 34,288 वोटों से हराया। जीतने के बाद हेमंत सरकार स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता तथा उत्पाद निषेध विभाग के मंत्री बने।