पटना: Bihar में जहां इफ्तार की राजनीति (Politics) जारी है, वहीं उपेंद्र कुशवाहा के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय जनता दल (रालोजद) ने इस साल इस तरह का आयोजन (events) नहीं करने का फैसला किया है।
कुशवाहा ने पटना में मीडियाकर्मियों (Media Persons) से बातचीत करते हुए कहा, इफ्तार पार्टी (Iftar Party) के लिए जाना सासाराम और बिहारशरीफ में रामनवमी के जुलूस के दौरान सांप्रदायिक हिंसा (Sectarian Violence) के कारण हुए घावों पर नमक छिड़कने जैसा है।
लोग इफ्तार पार्टियों का आयोजन कर रहे हैं
Ramadan का पवित्र महीना इस समय चल रहा है और लोग इफ्तार पार्टियों (Iftar Parties) का आयोजन कर रहे हैं।
कुछ प्रमुख लोगों ने मुझे Iftar Parties के लिए आमंत्रित किया।
मेरी पार्टी के कई सदस्यों ने भी सुझाव दिया कि मैं एक इफ्तार पार्टी का आयोजन करता हूं।
सासाराम और बिहारशरीफ में मौजूदा स्थिति को देखते हुए मैं व्यक्तिगत रूप से मानता हूं कि हमें कार्यक्रम आयोजित करने के बजाय रोजदारों (रमजान के महीने में रोजा रखने वाले मुस्लिम लोग) के लिए इसे सुविधाजनक बनाना होगा।
वर्तमान में घावों को भरने के लिए मरहम की आवश्यकता है।
तीनों राजनीतिक दलों के नेता दूर
इससे पहले BJP ने रामनवमी हिंसा के बाद नीतीश कुमार की Iftar Party से खुद को दूर कर लिया था।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने BJP, LJPR, आरएलजेडी सहित सभी राजनीतिक दलों को आमंत्रित किया था, लेकिन इन तीनों राजनीतिक दलों (Political Parties) के नेता दूर रहे।
रविवार को राजद राबड़ी देवी के आवास पर Iftar Party का आयोजन कर रहा है। राजद ने भाजपा नेताओं, उपेंद्र कुशवाहा और चिराग पासवान को भी आमंत्रित किया।
राजद की इफ्तार पार्टी में BJP और उपेंद्र कुशवाहा ने नहीं जाने का फैसला किया।
चिराग पासवान के लालू परिवार से करीबी पारिवारिक संबंध होने के कारण वह राबड़ी देवी आवास पर Iftar Party में शामिल होंगे।