जयपुर : Congress नेता सचिन पायलट (Sachin Pilot) मंगलवार (11 अप्रैल) को जयपुर (Jaipur) में अपना अनशन शुरू करेंगे। पूर्व डिप्टी CM की शिकायत है कि राज्य की अशोक गहलोत सरकार (Ashok Gehlot) ने उन तमाम भ्रष्टाचार (Corruption) के मुद्दों पर साढ़े चार साल में कोई कार्रवाई नहीं की जिनके आधार पर प्रदेश में कांग्रेस सत्ता में आई थी।
इनमें प्रमुख रूप से तत्कालीन वसुंधरा राजे सरकार (Vasundhara Raje Sarkar) के समय हुआ खान घोटाला और बजरी माफियाओं के मामले शामिल हैं। सचिन पायलट के इस धरने को लेकर सियासी हलचल भी बढ़ गई है।
राज्य के कांग्रेस प्रभारी ने कहा है कि Hunger Strike का फैसला पार्टी हितों के खिलाफ है और पार्टी विरोधी गतिविधि है। जानिए इस मामले से जुड़ी बड़ी बातें।
शहीद स्मारक में अनशन शुरू करेंगे सचिन पायलट
सचिन पायलट मंगलवार को जयपुर के शहीद स्मारक (Memorial) पर सुबह 11 बजे अपना अनशन शुरू करेंगे। उन्होंने अनशन में शामिल होने के लिए अपने किसी समर्थक नेता और MLA को औपचारिक न्यौता (Formal Invitation) नहीं भेजा है, लेकिन उनके अपने निर्वाचन क्षेत्र टोंक और सवाई माधोपुर समेत कई जिलों के कार्यकर्ताओं और समर्थकों के अनशन स्थल पर पहुंचने की संभावना है।
‘BJP सरकार में हुए कथित भ्रष्टाचार पर कार्रवाई की मांग’
Rajasthan के पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने कहा है कि वह राज्य की पूर्ववर्ती BJP सरकार में कथित तौर पर हुए भ्रष्टाचार पर कार्रवाई की मांग को लेकर 11 अप्रैल को जयपुर में एक दिन का अनशन करेंगे।
पिछली वसुंधरा राजे सरकार के दौरान हुए भ्रष्टाचार पर (गहलोत सरकार की ओर से) कोई कार्रवाई नहीं की गई। विपक्ष (Opposition) में रहते हुए हमने वादा किया था कि 45,000 करोड़ रुपये के खदान घोटाले की जांच कराई जाएगी।
उन्होंने कहा कि चुनाव होने में छह-सात महीने बचे हैं, विरोधी भ्रम फैला सकते हैं कि कुछ मिलीभगत है। इसलिए कार्रवाई जल्द करनी होगी ताकि कांग्रेस कार्यकर्ताओं को लगे कि हमारी कथनी और करनी में कोई अंतर नहीं है।
सचिन पायलट का अनशन पार्टी हितों के खिलाफ
राजस्थान के कांग्रेस प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा ने कहा कि सचिन पायलट का अनशन पार्टी हितों के खिलाफ है।
मैं पिछले 5 महीनों से AICC का प्रभारी हूं, लेकिन उन्होंने इस मुद्दे पर मुझसे कभी बात नहीं की। मैं शांति से बात करने की अपील करता हूं क्योंकि सचिन पायलट पार्टी की धरोहर हैं।