इस्लामाबाद : Pakistan के पूर्व PM और पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) के प्रमुख इमरान खान (Imran Khan) ने एक बार फिर भारत (India) की विदेश नीति (Foreign Policy) की सराहना की।
उन्होंने कहा कि Islamabad ‘भारत की तरह सस्ता रूसी कच्चा तेल (Russian Crude Oil) प्राप्त करना चाहता था’ लेकिन ऐसा हो नहीं सका क्योंकि उनकी सरकार गिर गई।
एक Video संदेश में राष्ट्र को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, ‘हम भारत (India) की तरह ही सस्ता रूसी कच्चा तेल (Russian Crude Oil) प्राप्त करना चाहते थे लेकिन ऐसा नहीं हो सका क्योंकि दुर्भाग्य से अविश्वास प्रस्ताव के कारण मेरी सरकार गिर गई।‘
खान ने किया रूस का दौरा
बात दें खान पिछले 23 वर्षों में Moscow दौरा करने वाले पहले पाकिस्तानी PM थे। हालांकि वह कोई ऐसा सौदा नहीं कर सके जिससे कैश (Cash) की कमी से जूझ रहे उनके देश को राहत मिल पाती है।
पाकिस्तान अब तक के सबसे खराब आर्थिक संकट से जूझ रहा
Pakistanअब तक के सबसे खराब आर्थिक संकट से जूझ रहा है। खान ने इस तथ्य पर अफसोस जताया कि उनका देश रूसी कच्चे तेल को रियायती दर पर खरीद सकता है, जो कि यूक्रेन युद्ध (Ukraine War) के बावजूद भारत (India) मिल रहा है।
यह याद रखना भी महत्वपूर्ण है कि पिछले साल यूक्रेन युद्ध शुरू होने के दिन वह रूस में थे। उन्होंने क्लिप में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) के साथ अपनी मुलाकात का जिक्र किया।
इमरान ने की PM मोदी की तारीफ
दिलचस्प बात यह है कि यह पहली बार नहीं था जब खान ने पश्चिमी दबाव के बावजूद अपनी अर्थव्यवस्था को बढ़ाने और रूसी तेल खरीदने के मामले में भारत की उपलब्धियों को स्वीकार किया है।
इससे पहले मई 2022 में, खान ने संयुक्त राज्य अमेरिका के दबाव के बावजूद रूस से सस्ते तेल खरीदने के PM नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) के फैसले की सराहना की थी।
इमरान ने Tweet किया, ‘Quad का हिस्सा होने के बावजूद भारत ने अमेरिकी दबाव का सामना किया और अपने लोगों की सुविधा के लिए रूस से सस्ता तेल खरीदा।‘ उन्होंने आगे कहा, ‘हमारी सरकार एक स्वतंत्र विदेश नीति (Independent Foreign Policy) के माध्यम से इसे हासिल करने की कोशिश कर रही थी।‘
भारत अपना 85 फीसदी कच्चा तेल विदेशों से खरीदता है
भारत (India) दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा तेल खपत करने वाला और आयात करने वाला देश है। यह अपनी जरूरत का 85 फीसदी कच्चा तेल (Crude Oil) आयात करता है।
जब से रूस और यूक्रेन (Russia and Ukraine) के बीच युद्ध हुआ है, पश्चिम और यूरोप ने रूसी ऊर्जा पर कड़े प्रतिबंध लगा दिए हैं। इसके परिणामस्वरूप Russia ने अपने सबसे पुराने सहयोगी भारत को अधिक छूट की पेशकश की।