हजारीबाग: Vinoba Bhave University में मंगलवार को राजभवन (Raj Bhavan) से OSD मुकुलेश नारायण (Mukulesh Narayan) कई मामलों की जांच के लिए विनोबा भावे विश्वविद्यालय पहुंचे और कई मामलों की जांच की।
उन्होंने कुलपति से भी कई मुद्दों पर पूछताछ की। साथ ही अन्य अधिकारियों के साथ बैठक कर कई दस्तावेज (Document) खंगाले। डिजिटल बोर्ड की खरीदारी से लेकर कई मामले की जानकारी ली।
उन्होंने वित्तीय मामलों (Financial Matters) से संबंधित कई दस्तावेज खंगाले और कई कागजात अपने साथ राजभवन ले गए। साथ ही कई दस्तावेजों की प्रतिलिपि राजभवन भेजने का निर्देश दिया।
पूरा ब्योरा राजभवन भेजने को कहा गया
राजभवन से आए OSD ने विनोबाभावे विश्वविद्यालय (Vinoba Bhave University) के रजिस्ट्रार मामले में भी पूछताछ की कि डॉ. BK गुप्ता का कार्यकाल पूरा हो जाने के बाद भी उन्हें पद पर कैसे बनाए रखा गया।
कार्यकाल समाप्त होने के बाद भी वह माह भर क्यों और कैसे रजिस्ट्रार (Registrar) के पद पर बने रहे, उस पर भी पूछताछ की गई। उनके इस दौरान किए गए कार्यों और लिए गए फैसलों के बारे में पूछताछ की गई।
साथ ही पूरा ब्योरा राजभवन भेजने को कहा गया। वहीं कहा गया कि पहले जो विभावि (Vibhavi) से तीन लोगों के नाम रजिस्ट्रार के लिए भेजे गए, उनमें सभी 60 वर्ष से अधिक के लोग हैं।
ऐसे नामों का प्रस्ताव मांगा गया, जो व्यक्ति 60 वर्ष से कम उम्र के हों।
चंदन सिंह की शिकायत पर चांसलर ने संज्ञान लिया
झारखंड छात्र नेता और विभावि (Jharkhand Student Leader and Candidate) के पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष चंदन सिंह की शिकायत पर चांसलर ने संज्ञान लिया।
उन्होंने विनोबाभावे विश्वविद्यालय में वित्तीय अनियमितताओं (Financial Irregularities) से संबंधित विभिन्न छह बिन्दुओं पर राजभवन को पत्र लिखकर शिकायत करते हुए उच्चस्तरीय जांच की मांग की थी।
उसमें रजिस्ट्रार BK गुप्ता का मामला भी संलग्न था। इसमें सेवा अवधि खत्म होने के बाद 10 करोड़ की खरीदारी की शिकायत की थी।
मॉडल व महिला कॉलेज (Model & Women’s College) में फर्नीचरिंग, सरकार से गैर-सरकारी बैंक में राशि ट्रांसफर, रूसा बोर्ड से दो करोड़ की राशि से स्मार्ट बोर्ड की खरीदारी, कर्मी जयप्रकाश को एक्स्ट्रा अलाउंस देने, सूर्यकांत गांगुली और सूर्यभूषण को सरकार के रोक के बावजूद विभावि मद से वेतन देने समेत कई मामलों की शिकायत की थी।
राजभवन के अधिकारी ने रजिस्ट्रार के मुद्दे पर बातचीत की
विभावि के कुलपति प्रो. डॉ. मुकुल नारायण देव ने पूछे जाने पर कहा कि उन्होंने विभावि में करोड़ों की राशि की बचत की है, जो भी खरीदारी की गई, वह फाइनांस एडवाइजरी (Finance Advisory) के तहत समिति बनाकर की ग।
डिजिटल व स्मार्ट बोर्ड की खरीदारी में भी कोई सवालिया निशान नहीं है। बल्कि उन्होंने एक लाख रुपए बिजली की भी बचत कराई है। राजभवन से आए अधिकारी से भी इन बातों का उन्होंने जिक्र किया।
राजभवन के अधिकारी ने उनसे रजिस्ट्रार के मुद्दे पर बातचीत की और पत्र में भी उसी बात का जिक्र था। जब BK Gupta का कार्यकाल पूरा हो गया था, तो एक सप्ताह पहले ही उन्होंने राजभवन को पत्र लिखकर इसकी सूचना दे दी थी।
जब वहां से कोई निर्देश नहीं आया, तो बीके गुप्ता को एक्सटेंशन दे दिया। फिर तीन नाम का प्रस्ताव भी भेज दिया गया। एक नाम राजभवन से भी भेजा गया।
अब 60 वर्ष से कम उम्र के व्यक्ति का नाम रजिस्ट्रार के लिए मांग गया है। राजभवन का जो भी निर्देश होगा, उसे पूरा किया जाएगा।