रांची: गिरिडीह के मधुपुर उत्पादक समूह से जुड़ी यशोदा बताती हैं कि पहले हम जैसे किसानों को जानकारी एवं संसाधन के अभाव के कारण ठगी का शिकार बनना पड़ता था।
कोई दुकानदार एक्सपायरी बीज दे देता था तो कोई अधिकतम दाम में बिक्री करता था।
लेकिन, अब जोहार एग्री मार्ट के जरिए उच्च गुणवत्ता वाले खाद-बीज उचित मूल्य पर उपलब्ध हो रहे हैं।
धान की फसल के समय मैंने जोहार एग्री मार्ट के जरिए लगभग 10 प्रतिशत कम कीमत पर खाद-बीज की खरीदारी की थी। धान की फसल अच्छी हुई।
हाल के दिनों में मैंने मिर्च का उत्पादन किया। बीज जोहार एग्री मार्ट से खरीदा।
गुणवत्तापूर्ण बीज से अत्यधिक उत्पादन हुआ। इससे अच्छा मुनाफा हुआ।
क्या है जोहार एग्री मार्ट
राज्य में ग्रामीण विकास विभाग अंतर्गत झारखंड स्टेट लाईवलीहुड प्रमोशन सोसाईटी के द्वारा जोहार परियोजना का क्रियान्वयन किया जा रहा है।
इस परियोजना के जरिए ग्रामीण परिवारों को उत्पादक समूह एवं कंपनियों से जोड़कर उन्नत खेती, पशुपालन, मत्स्य पालन, सिंचाई, लघु वनोपज इत्यादि गतिविधियों के द्वारा उनकी आय में गुणात्मक बढ़ोतरी के कार्य हो रहें हैं, जोहार एग्री मार्ट इसके तहत एक अभिनव पहल है।
वर्तमान में जोहार परियोजना अंतर्गत राज्य के कुल 17 जिलों के 68 प्रखंडों में 3900 उत्पादक समूहों का गठन कर करीब 2.10 लाख से ज्यादा परिवारों को जोड़ा गया है, जिससे उनकी आमदनी में बढ़ोतरी हुई है।
11 जिलों में हो रहा है संचालन
झारखण्ड के 11 जिलों में संचालित ‘एग्री मार्ट’ किसानों की पहली पसंद बनती जा रही है।
उत्पादक समूह से जुड़े हजारों किसानों के अलावा आम किसानों को भी खाद-बीज एवं अन्य कृषि सामाग्री खरीदने के लिए दूर बाजार नहीं जाना पड़ता है।
वहीं सामग्री की गुणवत्ता को लेकर भी अब चिंता नहीं रहती है।
जोहार एग्री मार्ट में उत्तम खाद, बीज, कृषि यंत्र सुविधा, मौसम की जानकारी, बाज़ार सुविधा, मिट्टी जांच, मछली/पशु चारा आदि सेवाएं प्रदान की जा रही हैं।
एग्री मार्ट के जरिए खाद-बीज के अलावा अन्य कृषि सामाग्री की भी बिक्री की जा रही है, जैसे- डी.ए.पी, यूरिया, कुदाल, फावड़ा, कीटनाशक, पशु आहार इत्यादि।