नई दिल्ली: शनिवार देर रात गैंगस्टर अतीक अहमद (Atiq Ahmed) और उसके भाई अशरफ (Ashraf) की पुलिस की सुरक्षा (Police Protection) में गोली मारकर हत्या कर दी गई।
लेकिन अतीक को अपने बैकग्राउंड (Background) की वजह से हमेशा से इस बात का अंदेशा था कि उसकी मौत (Death) इस तरह से हो सकती है। 19 साल पहले अतीक ने साल 2004 लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections) दौरान एक रिपोर्टर से बातचीत में इस और इशारा किया था।
अतीक अहमद ने फूलपुर लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा था
बता दें कि अतीक अहमद ने साल 2004 में फूलपुर लोकसभा सीट (Phulpur Lok Sabha Seat) से चुनाव लड़ा था और जीत हासिल की थी।
वो उस समय स्थानीय पत्रकारों के नियमित अंतराल (Regular Intervals) पर पत्रकारों के साथ अनौपचारिक बैठक करता था। एक ऐसी ही बैठक में उसने अपनी हत्या का अंदेशा जताया था।
‘एनकाउंटर होगा या अपनी बिरादरी का सिरफिरा मारेगा’
Encounter होगा या पुलिस मारेगी। या फिर अपनी ही बिरादरी का सिरफिर मारेगा। सड़क के किनारे पड़ें मिलेंगे। 19 साल पहले जो Atiq Ahmed ने अपनी मौत को लेकर ये बात कही थी।
साल 2004 में स्थानीय पत्रकारों (Local Reporters) से बातचीत के दौरान ये बात उसने अपने लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections) लड़ने के कारणों की चर्चा करने के दौरान कही।
उसने कहा कि अपराध की दुनिया में सबको पता होता है, अंजाम क्या होगा। इसको कब तक टाला जा सकता है। यह सब इसकी ही जद्दोजहद है।
नेहरू से की थी अपनी तुलना
साल 2004 के लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections) के दौरान पत्रकारों से बातचीत में उसने अपनी तुलना देश के पहले PM जवाहर लाल नेहरू (Jawaharlal Nehru) से भी की थी।
उनसे जब ये सवाल पूछा कि आपको पता है इस सीट से नेहरू MP चुने जा चुके हैं। तब अतीक ने जवाब दिया कि पंडित जी की तरह हम भी नैनी जेल में हैं, उन्होंने वहां किताबें लिखी हैं। हमें अपनी हिस्ट्रीशीट (History Sheet) की वजह से जेल जाना पड़ा है।
13 अप्रैल को बेटे का हुआ था एनकाउंटर
13 अप्रैल को जब उमेश पाल हत्याकांड (Umesh Pal Murder Case) में पूछताछ के लिए अतीक अहमद को Prayagraj लाया जा रहा था। तब अतीक ने मीडिया से बातचीत में कहा था कि हम सरकार से कहना चाहते हैं कि हम बिल्कुल मिट्टी में मिल गए हैं।
अब हमारी औरतों और बच्चों को परेशान ना करें। उसी दिन झांसी में दोपहर में UP Police के साथ एनकाउंटर में अतीक के बेटे असद और उसके साथी शूटर गुलाम मारे गए थे। इसके बाद अतीक ने असद की अंतिम यात्रा में शामिल होने की इजाजत मांगी, जो उसे नहीं मिली।
क्या थे अतीक के आखिरी शब्द
Prayagraj में अतीक की जब तीन लोगों ने गोली मारकर हत्या की। उससे कुछ क्षण पहले अतीक से जब पत्रकारों ने सवाल किया कि उन्हें उनके छोटे बेटे असद अहमद की अंतिम यात्रा (Last Journey) में नहीं ले जाया गया तो उन्होंने कहा कि नहीं ले गए तो नहीं गए।
ये उसके मरने से पहले आखिरी शब्द थे। अतीक अहमद को जब गुजरात की साबरमती जेल (Sabarmati Jail) से UP शिफ्ट किया जा रहा था, तब भी उन्होंने आंशका जताई थी कि उनकी हत्या की जा सकती है। मीडिया से बातचीत में उन्होंने दावा किया था मुझे इनका कार्यक्रम मालूम है। ये मेरी हत्या करना चाहते हैं।