Uttar Pradesh : दो दिवसीय दौरे पर अपने संसदीय क्षेत्र पीलीभीत (Pilibhit) पहुंचे BJP MP वरुण गांधी (MP Varun Gandhi) ने दूसरे दिन जन संवाद कार्यक्रम (Mass Communication Program) के दौरान अपनी सरकार में हो रहे भ्रष्टाचार और धर्म की राजनीति करने वालों के खिलाफ जमकर हमला बोला।
वरुण गांधी (Varun Gandhi) ने कहा कि, देश तभी मजबूत होगा जब Hindu Muslim की राजनीति बंद होगी, हिंदू मुसलमान मजबूत होगा।
मैं एक हिंदू हूं, मैं वो आदमी नहीं हूं कि वोट के लिए टोपी पहने और मजार पर जाए, लेकिन मैं इस बात को डंके की चोट पर कह रहा हूं कि आज एक समाज (Society) को डराया जा रहा है।
देश के लिए ये ठीक नहीं: वरुण
देश के लिए ये ठीक नहीं है। कोई क्रिमिनल अतीक अहमद (Atiq Ahmed) की बात नहीं है। मैं आम आदमी समाज की बात कर रहा हूं। ये सब तभी संभव होगा जब जनता के बच्चों को बेहतर शिक्षा और रोजगार (Education and Employment) के असवर मिलेंगे, तभी देश का उत्थान होगा।
मैं जब भी चुनाव लड़ा तो न मैनें शराब बांटी न पैसे खर्च किए। मेरे लोगों ने किसी से लूट खसोट और बदले की राजनीति नहीं की।
… ये सब गाड़ियों की कीमत आपके बच्चों के सपने
उन्होंने जनता को आज भी नेताओं और अफसरों का गुलाम बताते हुए सरकारी सिस्टम (Government Systems) पर सवाल खड़े किए। यही नहीं उन्होंने BJP के स्थानीय मंत्री नेता पर भी इशारों इशारों में जमकर हमला बोला।
वरुण गांधी ने BJP के स्थानीय नेता पर हमला बोलते हुए कहा कि मैं वैसा नेता नहीं हूं जो चुनाव जीतने के बाद बड़ी बड़ी गाड़ियों के काफिलों के साथ चलते हैं, ये सब गाड़ियों की कीमत आपके बच्चों के सपने हैं।
हमारी चप्पल उठाने की औकात नहीं रखते थे-वरुण गांधी
वरुण गांधी ने कहा कि, हम पीलीभीत में लगभग 35 सालों से राजनीति कर रहे हैं। मेरी मां देश की सबसे वरिष्ठ MP हैं। मैं तीन बार से सासंद हूं। क्या मैनें कहीं कालोनी काटी, क्या हमारा कोई घर या बड़ा मकान है, कोई और होता तो महल बना लेता।
जो हमारी चप्पल उठाने की औकात नहीं रखते थे आजकल पांच पांच गाड़ियों के काफिले में चलते हैं। ये सब नेता एक समय में हमारे सामने रोकर गिड़गिड़ाते थे कि भईया हमें आगे बढ़ा दो, मौका दे दो और नेता बना दो। हमारे सामने बोलने की औकात नहीं थी।
पेंशन और आवास के लिए देनी पड़ती है रिश्वत
Varun Gandhi ने कहा कि आज जब आप थाने पर या पेंशन और आवास (Pension and Housing) के लिए जाते हैं तो आपको लाभ लेने के लिए रिश्वत देनी पड़ती है। ये सब एक गुलामी से कम नहीं है।
जब चुनाव आता है तो जाति धर्म की भावनाओं में बह कर वोट दे देते हैं। वे आपके जेब पर डाका डाल रहे हैं। आप सबको पूरे इलाके में दो तीन मंजिल मकान का आवास मिला है, बाकी जरूरतमंदों को अब तक नहीं मिला है।
सरकार में बैठे अफसरों की नाक के नीचे बिना लक्ष्मी दर्शन के काम नहीं होता है। मैं किसान आंदोलन (Peasant Movement) में बोला था, उस समय कोई नहीं बोला था। तब नेता टिकट के लालच और कमाई के चक्कर में अपने घरों में छिप कर बैठ गए थे।