नई दिल्ली: प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा जांच की जा रही आबकारी नीति मामले (Excise Policy Case) में अदालत ने सोमवार को दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) की न्यायिक हिरासत दो सप्ताह के लिए बढ़ा दी।
विशेष न्यायाधीश एम.के. नागपाल राउज एवेन्यू कोर्ट (Rouse Avenue Court) में ED ने पहले प्रस्तुत किया था कि सिसोदिया ने यह दिखाने के लिए गढ़े हुए Email लगाए थे कि नीति के लिए सार्वजनिक स्वीकृति थी।
ED के वकील ने जमानत याचिका का विरोध करते हुए कहा था, हमारे पास सबूत हैं कि सिसोदिया ने Email प्लांट किए थे।
ये न केवल आबकारी विभाग के आधिकारिक Email खाते में बल्कि उनके व्यक्तिगत Email Account में भी प्राप्त हुए हैं।
Email की सामग्री सिसोदिया द्वारा दी गई थी, जो उनके एजेंडे के अनुकूल है।
शराब कार्टेल को लाभ देने के लिए अवैध पारिस्थितिकी तंत्र बनाया गया था
मनगढ़ंत Email यह दिखाने के लिए भेजे गए थे कि नीति की सार्वजनिक स्वीकृति थी। यह एक दिखावटी अनुमोदन है, रिश्वत के बदले शराब कार्टेल को लाभ देने के लिए अवैध पारिस्थितिकी तंत्र बनाया गया था।
ED के विशेष लोक अभियोजक जोहेब हुसैन ने तब न्यायाधीश से कहा था कि एजेंसी उन्हें केस डायरी दिखाना चाहती है।
इस पर सिसोदिया के वकील ने कहा था कि ऐसा गोपनीयता से नहीं किया जाना चाहिए।
60 दिनों के बाद आपके सामने रखेंगे
वकील ने कहा, सीलबंद कवर व्यवसाय जाना चाहिए। अगर मेरे खिलाफ कुछ इस्तेमाल किया जाता है, तो मुझे मेरी स्वतंत्रता से वंचित किया जाता है, अगर वे मेरी पीठ के पीछे किसी चीज पर भरोसा कर रहे हैं, तो इसे मुझ पर भी लगाया जाना चाहिए।
हालांकि, जांच एजेंसी ने कहा कि उसके खिलाफ जांच पूरी करने के 60 दिन अभी खत्म नहीं हुए हैं।
ED ने कहा, हम इसे 60 दिनों के बाद आपके सामने रखेंगे।
इसके बाद अदालत ने मंगलवार के लिए जमानत मामले में सुनवाई स्थगित कर दी।