प्रयागराज: माफिया डॉन अतीक अहमद (Atiq Ahmed) और अशरफ (Ashraf) की हत्या के बाद रविवार को दोनों के शवों का पोस्टमॉर्टम (Postmortem) हुआ। खास बात रही कि पोस्टमॉर्टम से पहले X-Ray कराया गया।
इस पूरी प्रक्रिया की Videography हुई। 5 डॉक्टर्स (Doctors) के पैनल ने पोस्टमॉर्टम से पहले शवों की स्कैनिंग (Scanning) कीं। स्कैनिंग में कई बातें सामने आई हैं। जैसे- अतीक को 9 और अशरफ को 7 गोलियां लगी हैं। लेकिन खास बात है कि पोस्टमॉर्टम से पहले X-Ray क्यों कराया गया।
ऐसा बहुत कम ही सुनने में आता है कि Postmortem से पहले किसी शव (Dead Body) का X-Ray किया जा गया हो। अतीक और अशरफ के मामले में ऐसा कई वजहों से किया गया है। फॉरेंसिक डिपार्टमेंट (Forensic Department) के एक्सपर्ट ने इसके पीछे की वजह बताई।
पोस्टमॉर्टम से पहले X-Ray क्यों? जानिए 5 बड़ी वजह
Expert का कहना है, पोस्टमॉर्टम से पहले एक्सरे कुछ चुनिंदा मामलों में ही किया जाता है। खासकर कर हाई प्रोफाइल (High Profile) मामलों।
इसके जरिए कई वो जानकारी मालूम की जाती है, जो Postmortem में नहीं मिल पाती।
गोली कहां-कहां फंसी
शनिवार को प्रयागराज (Prayagraj) में पत्रकारों के सवालों का जवाब देने के दौरान हत्या हुई। अचानक पीछे से गोली चली। गोली सिर के किस हिस्से में फंसी है। यह जानने के लिए X-Ray कराया गया।
ऐसा इसलिए होता है ताकि गोली की सही लोकेशन पता चल सके क्योंकि पोस्टमॉर्टम (Postmortem) के दौरान हड्डियों में फंसी गोली की लोकेशन को समझना मुश्किल होता है। X-Ray की मदद से जानकारी आसानी से मिल जाती है।
हड्डी में डैमेज की जानकारी
हत्या के बाद हड्डी में किसी तरह का कोई डैमेज तो नहीं है, या फिर Police Custody के दौरान कोई बोन इंजरी (Injury) तो नहीं हुई, ये बातें पता लगाने के लिए पोस्टमॉर्टम से पहले X-Ray कराया जाता है।
अतीक अहमद और अशरफ के मामले में ऐसी जानकारी हासिल करने के लिए ऐसा किया जा सकता है।
अतिरिक्त जानकारी
PM से पहले एक्सरे इसलिए भी किया जाता है ताकि विशेषज्ञों को वो जानकारी उन हिस्सों से भी मिल जाए, जिस हिस्से का पोस्टमॉर्टम (Postmortem) करना मुश्किल होता है।
इसकी मदद से फॉरेंसिक एक्सपर्ट डेडबॉडी (Forensic Expert Deadbody) को 3 अलग-अलग डायमेंशन से देख पाते हैं और कई तरह की जानकारियां हासिल कर पाते हैं। इस तरह से मिलने वाली जानकारियां पूरी जांच में कई बार बड़ा अहम रोल निभाती हैं।
गोली लगने के मामले में
विशेषज्ञों का कहना है, Forensic Autopsy के मामले में एक्सरे तब कराया जाता है जब फायरिंग (Firing) यानी गोली लगने की बात आती है। इसकी मदद से शरीर को हुए नुकसान को समझा जा सकता है।
इसके अलावा इंजरी के पैटर्न (Injury Patterns) को समझा जा सकता है। क्योंकि दूसरे किसी तरीके से इसे समझना मुश्किल हो जाता है। DNA Analysis से भी इसमें कोई मदद नहीं मिलती है। इसलिए स्कैनिंग कराई जाती है।