पटना: 15 अप्रैल को माफिया से राजनेता बने अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ अहमद (Ateek Ahmed And Ashraf Ahmed) को तीन युवकों ने पुलिस कस्टडी में मौत (Death) के घाट उतार दिया था।
मीडिया के कैमरों के सामने अरुण, सनी और लवलेश नामक युवकों ने दोनों पर अंधाधुंध फायरिंग (Firing) कर खलबली मचा दी थी। इस घटना के बाद कई स्तरों पर इसके प्रभाव की हलचल जारी है।
अपडेट खबर मिल रही है कि बिहार की राजधानी पटना (Patna) में शुक्रवार को अतीक के समर्थन में प्रदर्शन करते हुए नारे लगाए गए।
पटना रेलवे जंक्शन के पास स्थित जामा मस्जिद (JAMA Masjid) के बाहर मुस्लिम समुदाय के लोगों ने अतीक और अशरफ के पक्ष में नारेबाजी की। प्रदर्शनकारियों ने अतीक और अशरफ को शहीद बताया। योगी-मोदी मुर्दाबाद के नारे भी लगाए।
अतीक, अशरफ और असद को बताया शहीद
प्रदर्शनकारियों ने अतीक, अशरफ और अतीक बेटे असद को शहीद बताया और अतीक अहमद अमर रहे के नारे लगाए।
इसके साथ- साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और UP के CM योगी आदित्यनाथ के खिलाफ भी नारेबाजी की गई। प्रदर्शनकारियों ने योगी मोदी (Yogi Modi) मुर्दाबाद के नारे लगाए।
अतीक, अशरफ और असद को प्लान करके मरवाया गया
प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे रईस ग़ज़नवी नाम के शख्स ने कहा कि अतीक अहमद, अशरफ अहमद और असद अहमद को प्लान करके मारा गया। योगी सरकार ने योजनाबद्ध तरीके से अतीक, उसके भाई अशरफ और बेटे असद की हत्या (Murder) कराई।
इसमें पुलिस और मीडिया का भी हाथ है। ग़ज़नवी (Ghaznavi) ने कहा कि रोजा के दिन उन्हें अपराधियों के जरिए सरकार और पुलिस ने मरवा दिया। इसलिए पूरी दुनिया के मुसलमानों में अतीक अहमद को शहीद का दर्जा दिया गया है।
कोर्ट ने पुलिस को रिमांड दी थी
मीडियाकर्मियों की ओर से जब पूछा गया अतीक ने तो बड़े-बड़े अपराध किए हैं। इसपर गजनबी ने कहा कि गलत काम किया है उसे देखने के लिए कोर्ट है।
कोर्ट ने पुलिस को रिमांड (Remand) दी थी। दोनों की सुरक्षा की जिम्मेदारी भी ली थी। कोर्ट अगर दोनों को फांसी की सजा भी सुना देती तो कोई गम नहीं होता, लेकिन जिस ढंग से दोनों को मारा गया, वह कबूल नहीं है।