इंदौर: मध्य प्रदेश में माफियाओं के खिलाफ जारी अभियान में इंदौर के प्रशासन ने अब तक के सबसे बड़े राशन रैकेट का खुलासा करने में कामयाबी हासिल की है।
इस रैकेट के मुखिया भरत दवे को इंदौर पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।
प्रशासन 12 प्राथमिकी दर्ज कर 40 राशन माफियाओं को आरेापी बना रहा है वहीं कई के खिलाफ राष्टीय सुरक्षा कानून के तहत कार्रवाई हो सकती है।
उच्च पदस्थ सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, इंदौर में अरसे से गरीबों के हक पर डाका डालने की शिकायतें आ रही है।
इस शिकायत के आधार पर इंदौर कलेक्टर मनीष सिंह ने 12 राशन दुकानों की जांच कराई तो जो तथ्य सामने आए वह चौंकाने वाले थे।
इस जांच में पता चला कि गरीबों को राशन दुकान से राशन देने में बड़ी गफलत होती है।
यहां लगभग 50 हजार राशन कार्डधरियों के हक पर डाका डाला गया था।
सूत्रों की मानें तो जांच में यह भी बात सामने आई कि प्रभावशाली व्यक्ति अपने नाम या अपने परिजनों के नाम पर एक या उससे ज्यादा राशन दुकानें लिए हुए है और यहां आने वाले राशन में बड़े पैमाने पर गड़बड़़ी कर उसे सीधे बाजार में बेच देता है। इस तरह के रैकेट का जाल हर तरफ फैला हुआ है।
सूत्रों का दावा है कि इस रैकेट में तमाम बड़े कारोबारी शामिल है, इसके सरगना भरत दवे को दबोच लिया गया है।
वहीं 12 प्राथमिकी दर्ज की जा रही है और 40 लोगों को आरोपी बनाया जा रहा है।
इसके साथ ही कई लेागों पर प्रशासन ने रासुका के तहत कार्रवाई करने का मन भी बना लिया है।
इंदौर में इस रैकेट के खुलासे ने यह तो साफ कर ही दिया है कि राशन के क्षेत्र में भी माफिया सक्रिय हैं।
इसके तार सिर्फ इंदौर ही नहीं पूरे प्रदेश में फैले हो सकते हैं।
यहां के प्रशासन को एक सिरा मिल गया है और बात आगे बढ़ेगी तो कई बड़े चेहरे बेनकाब होंगे।
ज्ञात हो कि राज्य में इन दिनों तमाम माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई का दौर जारी है।
शराब माफिया, मिलावटखोर से लेकर जमीन माफियाओं के खिलाफ अभियान चला हुआ है।
अब राशन माफिया रैकेट का खुलासा हुआ है।