धनबाद: जज उत्तम आनंद की हत्या (Judge Uttam Anand’s Murder) में इस्तेमाल किए गए ऑटो की चोरी के मामले में मंगलवार को CBI के विशेष न्यायिक दंडाधिकारी (Judicial Magistrate) अभिषेक श्रीवास्तव की अदालत में सुनवाई हुई।
इस दौरान बचाव पक्ष के अधिवक्ता कुमार विमलेंदू की दलील सुनने के बाद आरोपी लखन वर्मा एवं राहुल वर्मा को 3-3 वर्ष की कैद एवं 5-5 हजार रुपए जुर्माने (Fine) की सजा सुनाई।
साथ ही साक्ष्य छुपाने के आरोप में 9 माह की कैद एवं 5-5 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई।
सुबह सैर पर निकले जज को ऑटो ने मारा था धक्का
बताते चलें जज उत्तम आनंद की मौत 28 जुलाई 21 की सुबह हुई थी। वह घर से सुबह की सैर पर निकले हुए थे।
उसी दौरान धनबाद के रणधीर वर्मा चौक पर 5: 8 मिनट पर एक ऑटो ने धक्का मार दिया था।
दुर्घटना के बाद अस्पताल ले जाने पर डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया था।
घटना का CCTV फुटेज देखने से प्रतीत हुआ कि यह हादसा नहीं है और जज को जानबूझकर धक्का मारा गया।
इस घटना का सुप्रीम कोर्ट और झारखंड हाई कोर्ट ने स्वतः संज्ञान लिया था।
जांच की जिम्मेवारी CBI को सौंप दी गई थी
झारखंड सरकार की अनुशंसा पर मामले की जांच की जिम्मेवारी CBI को सौंप दी गई थी।
6 अगस्त 22 को हत्या मामले की सुनवाई कर रहे CBI के विशेष न्यायाधीश रजनीकांत पाठक की अदालत ने दोनों आरोपियों को उम्र कैद की सजा सुनाई थी।
इस मामले में दर्ज तीसरी FIR मोबाइल चोरी के मामले की सुनवाई अभी लंबित है।