रांची: Jharkhand का सबसे बड़ा अस्पताल राजेंद्र इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस (RIMS) का सिस्टम सुधर नहीं रहा है। इलाज कराने के लिए राज्य के विभिन्न जिलों से ही नहीं, पड़ोसी राज्यों के मरीज भी आते हैं।
मरीजों और परिजनों (Patients and Relatives) को तो परेशानी का सामना करना ही पड़ता है, स्थिति ऐसी हो गई है कि यहां के कर्मचारी भी वेतन के अभाव में परेशान हैं।
जानकारी के अनुसार, सबसे कम वेतन पर सबसे निचले स्तर पर कार्यरत आउटसोर्स कर्मी (Employed Outsourced Personnel) ज्यादा परेशान हैं।
बिलों का निबटारा भी समय पर नहीं हो पा रहा
एजेंसियों के तहत RIMS में कार्यरत करीब 700 सफाई व तृतीय श्रेणी के कर्मियों को जहां नए साल में अब तक वेतन नहीं मिला है। दूसरी ओर बीते साल नौकरी से हटाए गए करीब 678 सुरक्षा गार्ड, ट्रॉलीमैन व अन्य को नवंबर-दिसंबर का भी वेतन नहीं मिला है।
RIMS में कर्मचारियों की कमी की वजह से भी बहुत से काम बाधित हो जाते हैं। यह भी बताया जाता है कि RIMS निदेशक डॉ. कामेश्वर प्रसाद बीते पांच अप्रैल को RIMS में आयोजित CM के कार्यक्रम के बाद से RIMS से बाहर हैं। इसके कारण बिलों का निबटारा भी समय पर नहीं हो पा रहा है।
फरवरी से की गई है होमगार्ड की तैनाती
बता दें कि मैन पावर आउटसोर्स एजेंसी सन फैसिलिटी के तहत लगभग 300, वहीं अन्नपूर्णा यूटिलिटी (Annapurna Utility) के तहत लगभग 430 सफाई कर्मी नियुक्त किए गए हैं।
ह्यूमन रिसोर्स कंसल्टेंट एजेंसी (Human Resource Consultant Agency) के तहत कार्यरत 302 सिक्युरिटी गार्ड, 70 ट्रॉलीमैन एवं 6 सुपरवाइजर को बीते फरवरी में हटाकर होम गार्ड की तैनाती की गई।
जल्द होगा सुरक्षा एजेंसियों के बकाए का भुगतान
तमाम समस्याओं को लेकर रिंग्स के मेडिकल सुपरिंटेंडेंट डॉ. हीरेंद्र बिरुआ (Dr. Hirendra Birua) का कहना है कि जीबी की प्रोसिडिंग आ गई है। सुरक्षा एजेंसी को बकाए का भुगतान कर दिया जाएगा।
अन्य आउटसोर्स एजेंसियों (Outsourced Agencies) को भी तकनीकी कारणों से भुगतान नहीं हो पाया था, उसकी प्रक्रिया पूरी की जा रही है। जल्द ही सभी को भुगतान किया जाएगा।