कोडरमा: सतगावां थाना कांड संख्या 51/15 की सुनवाई करते हुए बुधवार को अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश द्वितीय अजय कुमार सिंह (Ajay Kumar Singh) की अदालत ने माओवादी संगठन (Maoist organization) के नाम पर लेवी मांगने, सरकारी काम में बाधा पहुंचाने एवं कर्मियों के साथ मारपीट कर गंभीर रूप से घायल करने के दोषियों को सजा सुनायी।
आरोपितों संतोष कुमार (Santosh Kumar) उर्फ संतोष रजक (35) एवं केदार यादव (39) सतगांवा निवासी के मामले की सुनवाई के पश्चात दोषी पाते हुए 5-5 साल सश्रम कारावास एवं 2-2 हजार जुर्माना लगाया।
सभी सजाएं साथ-साथ चलेंगी
जुर्माना की राशि नहीं देने पर 3 माह अतिरिक्त सश्रम कारावास (Rigorous Imprisonment) भुगतनी होगी। न्यायालय ने 148 IPC and 17 CLA में दोषी पाते हुए 2 साल की सजा सुनाई। वहीं, 323 IPC में दोषी पाते हुए 6 माह की सजा सुनाई। सभी सजाएं साथ-साथ चलेंगी।
अभियोजन का संचालन लोक अभियोजक पीपी पीके मंडल (PP PK Mandal) ने किया। इस दौरान सभी 9 गवाहों का परीक्षण कराया गया।
बचाव पक्ष की ओर से अधिवक्ता बचन देवनाथ आर्य (Devnath Arya) ने दलीलें पेश की। अदालत ने सभी गवाहों और साक्ष्यों का अवलोकन करने के उपरांत अभियुक्तों को दोषी पाते हुए सजा मुकर्रर की और जुर्माना लगाया।
क्या है मामला
गार्डवाल निर्माण कार्य (Guard Wall Construction) में लगे डंपर चालक सुग्गी महतो ने सतगावां थाना में दिया आवेदन में कहा था कि दिनांक 7 जून, 2015 को निर्माण कार्य होने के बाद रात्रि गरीबी रजक के मकान में हम सभी 5-6 कर्मचारी एवं मजदूर छत पर सोए थे।
रात करीब 12:00 बजे 5-6 की संख्या में लोग आए, जिसमें तीन वर्दी पहने हुए थे और तीन सिविल ड्रेस में थे। एक के हाथ में रिवाल्वर एवं अन्य के हाथ में बड़ा हथियार था। उन लोगों ने हम लोगों का हाथ बांध दिया और साथ चलने को कहा।
टेहरो नदी (Tahiro River) के पास पहुंचने पर उन लोगों से पूछा कि ठेकेदार कौन है, मुंशी कौन है। इसके बाद उन लोगों ने लाठी- डंडा एवं पत्थर से जमकर मारपीट किया और कहा कि बिना लेवी दिए काम नहीं करोगे।
मारपीट करने से जब वे लोग गंभीर रूप से घायल होकर बेहोश हो गए। सभी मारपीट करने वाले उन सभी को नदी के किनारे छोड़ कर भाग गये। होश आने पर सुबह उनके द्वारा थाना में आकर मामला दर्ज कराया गया।