रांची: आर्मी लैंड घोटाले (Army Land Scam) में एनफोर्समेंट डायरेक्टरेट (ED) की जांच प्रक्रिया क्रमिक रूप से तेजी से आगे बढ़ रही है। इस क्रम में बुधवार को आर्मी लैंड के रैयती मालिक के वंशज जयंत करनाड ने ED के सामने अपना बयान दर्ज कराया।
इसके लिए ED की ओर से पहले ही Date निर्धारित किया गया था। दूसरी ओर जमीन खरीद के फर्जी मालिक प्रदीप बागची से जमीन खरीदने वाले जगतबंधु टी एस्टेट के निदेशक दिलीप घोष (Dilip Ghosh) उपस्थित नहीं हुए।
बिना कब्जे के कैसे हो गई जमीन की रजिस्ट्री
जयंत से ED ने सवाल किया कि बिना जमीन पर कब्जे के जमीन की रजिस्ट्री 13 रैयतों को कैसे कर दी। जयंत करनाड ने बताया कि उनके पूर्वजों की खतियानी जमीन (Farm Land) को सेना ने किराए पर लिया था।
हाई कोर्ट (High Court) ने सेना को जमीन से कब्जा हटाने का आदेश दिया था, जिसके बाद उन्होंने 13 लोगों को जमीन की रजिस्ट्री की थी। ED ने जयंत करनाड से संबंधित सारे दस्तावेजों की भी मांग की, जिसके बाद जयंत ने सारे दस्तावेज ED को सौंप दिए। अब ED अपने स्तर से सभी कागजातों की जांच कराएगी।
दिलीप घोष को फिर भेजा जाएगा समन
जमीन के फर्जी मालिक प्रदीप बागची से जमीन की रजिस्ट्री कराने वाले कारोबारी दिलीप घोष को ED फिर से समन भेजेगी। कारोबारी अमित अग्रवाल के करीबी दिलीप घोष की कंपनी जगत बंधु टी एस्टेट (Bandhu Tea Estate) के नाम पर को रजिस्ट्री सरकारी दर से काफी कम दर पर हुई थी। इस घोटाले में अमित अग्रवाल को भी एक मास्टरमाइंड माना जा रहा है।