रियाद: Saudi Arab और संयुक्त अरब अमीरात (United Arab Emirates) समेत कई खाड़ी देशों में जल्द भी भारत की बनाई ट्रेन (India Train) दौड़ सकती है। इस परियोजना को लेकर अमेरिका (USA), भारत, सऊदी अरब और UAE के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों के बीच एक बैठक भी हुई है।
यह रेल नेटवर्क बंदरगाहों से शिपिंग (Shipping) लेन के जरिए भारत से भी जुड़ा होगा। इसका प्राथमिक उद्देश्य खाड़ी देशों में बढ़ते चीन के प्रभाव को कम करना है। चीन बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (China Belt and Road Initiative) के जरिए मध्य पूर्व के देशों में तेजी से निवेश कर रहा है।
ऐसे में रेल नेटवर्क की यह संयुक्त बुनियादी ढांचा परियोजना उन प्रमुख पहलों में से एक है जिसे White House मध्य पूर्व में तेजी से लागू करना चाहता है।
क्षेत्रीय मुद्दों समेत रेल नेटवर्क परियोजना पर चर्चा
Axios की रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन (Jake Sullivan) शनिवार से सऊदी अरब के दौरे पर हैं। इस दौरान उन्होंने इस परियोजना और अन्य क्षेत्रीय मुद्दों पर चर्चा के लिए रविवार को अपने Saudi, अमीराती और भारतीय समकक्षों से मुलाकात की।
सूत्रों ने बताया कि इस दौरान अन्य क्षेत्रीय मुद्दों समेत रेल नेटवर्क परियोजना (Rail Network Project) के बारे में गंभीर चर्चा हुई।
एक अमेरिकी अधिकारी ने बताया कि अमेरिकी NSA सुलिवन ने क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान (Prince Mohammed bin Salman) और अन्य सऊदी अधिकारियों के साथ सऊदी अरब और अमेरिका के बीच द्विपक्षीय संबंधों की स्थिति, क्षेत्रीय मुद्दों और Saudi Arabia and Israel के बीच सामान्यीकरण के कदमों की संभावना पर चर्चा की।
I2U2 फोरम में हुई थी बातचीत
खाड़ी देशों में भारतीय रेल नेटवर्क का विचार पिछले 18 महीनों में I2U2 नामक एक फोरम में बातचीत के दौरान सामने आया। इसमें अमेरिका, इजरायल, संयुक्त अरब अमीरात और भारत शामिल हैं।
I2U2 की स्थापना 2021 के अंत में मध्य पूर्व में रणनीतिक बुनियादी ढांचा (Strategic Infrastructure) परियोजनाओं पर चर्चा करने के लिए की गई थी।
इस मुद्दे पर शुरुआती चर्चाओं में सीधे तौर पर शामिल एक पूर्व वरिष्ठ इजरायली अधिकारी ने Axios को बताया कि यह परियोजना सीधे तौर पर चीन से जुड़ी हुई है, लेकिन किसी ने भी उसका नाम नहीं लिया है।
खाड़ी में बंदरगाहों के माध्यम से जुड़ेगा भारत
अधिकारी ने बताया कि इजरायल ने पिछले साल I2U2 बैठकों के दौरान इस क्षेत्र को रेलवे (Railway) के माध्यम से जोड़ने का विचार उठाया। इस विचार का एक हिस्सा ऐसी बड़ी बुनियादी ढांचा परियोजनाओं पर भारत (India) की विशेषज्ञता का उपयोग करना था।
बाइडेन प्रशासन (Biden Administration) ने हाल के महीनों में सऊदी अरब की भागीदारी को शामिल करने के विचार शुरू किया है। सूत्रों ने कहा कि इस पहल में अरब देशों को लेवांत और खाड़ी में रेलवे (Railway) के एक नेटवर्क के माध्यम से जोड़ना शामिल होगा जो खाड़ी में बंदरगाहों के माध्यम से भारत से भी जुड़ेगा।
अमेरिकी एनएसए पहले ही कर चुके हैं इशारा
सुलिवन ने गुरुवार को वाशिंगटन इंस्टीट्यूट फॉर नियर ईस्ट पॉलिसी (Washington Institute for Near East Policy) में अपने भाषण के दौरान इस पहल का संकेत दिया था।
उन्होंने कहा था कि यदि आपको मेरे भाषण से और कुछ याद नहीं है, तो I2U2 को याद रखें, क्योंकि जैसे-जैसे हम आगे बढ़ेंगे आप इसके बारे में अधिक सुनेंगे। सुलिवन ने कहा कि मौलिक धारणा दक्षिण एशिया (South Asia) को मध्य पूर्व से अमेरिका तक हमारी आर्थिक तकनीक और कूटनीति (Economic Technique and Diplomacy) को आगे बढ़ाने के तरीकों से जोड़ना है।
उन्होंने यह भी कहा कि कई परियोजनाएं पहले से ही चल रही हैं “और कुछ नए रोमांचक कदम जिन्हें हम आने वाले महीनों में शुरू करने की उम्मीद कर रहे हैं।