रांची: Jharkhand High Court के जस्टिस डॉ SN पाठक (SN Pathak) की कोर्ट ने सोमवार को फॉरेस्ट गार्ड नियुक्ति मामले (Forest Guard Recruitment Case) में मेरिट के अनुसार अन्य सफल अभ्यर्थियों की नियुक्ति की तिथि के अनुसार वरिष्ठता सूची में स्थान देने एवं अन्य वेतन वृद्धि सहित सुविधा देने का आग्रह करने वाली याचिका पर सुनवाई की।
कोर्ट ने याचिकाकर्ता की याचिका को स्वीकार करते हुए उसे अन्य सफल अभ्यर्थियों की नियुक्ति की तिथि के अनुसार ही उसके मेरिट के अनुसार वरीयता देने का निर्देश दिया है।
मेरिट के अनुसार प्राथमिकता नहीं दी गई
फॉरेस्ट गार्ड की नियुक्ति को लेकर वर्ष 2014 में 2204 पदों के लिए विज्ञापन संख्या 3/2014 झारखंड स्टाफ सिलेक्शन कमीशन (JSSC) ने निकाला था।
याचिकाकर्ता के उक्त परीक्षा में सफल होने के बाद भी उसे तकनीकी कारणों (Technical Reasons) से नियुक्ति नहीं मिल सकी थी, जिसके बाद उसने वर्ष 2018 में हाई कोर्ट में रिट याचिका दाखिल की थी।
10 सितंबर 2018 को हाई कोर्ट ने याचिकाकर्ता के नाम पर नियुक्ति पत्र जारी करने का आदेश पारित किया था। इसके 9 माह बाद याचिकाकर्ता को नियुक्त किया गया और उसे पदस्थापित किया गया। लेकिन वर्ष 2019 में याचिकाकर्ता को वरीयता सूची में उसके मेरिट के अनुसार प्राथमिकता नहीं दी गई।
याचिकाकर्ता ने हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की
वरीयता में मेरिट (Merrit) की बजाए उसे नीचे के क्रमांक में स्थान दिया गया, जिसके बाद याचिकाकर्ता ने वन विभाग के संबंधित पदाधिकारी के पास आवेदन दिया, लेकिन कुछ नहीं हुआ।
प्राथमिकता सूची में मेरिट के अनुसार सही स्थान नहीं मिलने से वेतन वृद्धि सहित अन्य सुविधाओं से वंचित रहे। जिसके बाद याचिकाकर्ता ने हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की।
याचिकाकर्ता की नियुक्ति में देरी का कारण JSSC
सुनवाई के दौरान प्रार्थी की ओर से अधिवक्ता अमृतांश वक्त ने कोर्ट को बताया कि याचिकाकर्ता की नियुक्ति में देरी का कारण राज्य सरकार एवं JSSC था, इसमें याचिकाकर्ता की कोई गलती नहीं है।
JSSC एवं राज्य सरकार के कारण याचिकाकर्ता को दो साल से ज्यादा समय बाद नियुक्त किया गया। इसीलिए मेरिट के अनुसार उसे भी अन्य सफल अभ्यर्थियों की नियुक्ति की तिथि से वरीयता में स्थान मिलना चाहिए।