जोशीमठ: बदरीनाथ धाम में सोमवार सुबह सात बजे से अचानक शुरू हुई बर्फबारी देखते ही देखते इतनी जबर्दस्त हो गई कि लोगों के लिए होटलों और कमरों से बाहर निकलना मुश्किल हो गया।
बदरीनाथ मे नर पर्वत में होटलों में ठहरे तीर्थयात्रियों ने तेज हिमपात व वाहनों के फंसने के डर से किसी तरह मंदिर पंहुचकर दर्शन करना ही उचित समझा और बर्फबारी के दौरान ही गिरते-पड़ते दर्शन कर लौटने लगे।
बर्फबारी के कारण देव दर्शनी बदरीनाथ से हनुमानचट्टी तक ऐसा जाम लगा कि एक वाहन को बदरीनाथ से हनुमान चटटी (10 किमी.) पंहुचने मे साढ़े तीन घंटे का समय लग गया। इसका प्रमुख कारण एक तो बर्फ पर वाहनों का फिसलना और दूसरा जोशीमठ की ओर से बदरीनाथ जाने वाले वाहनों के कारण जाम लग जाना।
इसके चलते तीर्थयात्री भी खासे परेशान देखे गए। कई वाहन जब बर्फ में चढ़ाई नही चढ़ सके तो उनके तीर्थयात्री बच्चे, जवान व वृद्ध पैदल ही बर्फ की फुहारों के बीच बदरीनाथ पंहुचे।
कई तीर्थयात्री छोटे-छोटे बच्चों को कबंल मे लपेट कर बदरीनाथ तक ले गए। हालांकि बर्फबारी का आंनद भी बदरीनाथ पहुंचे तीर्थयात्रियों ने जमकर उठाया। तीर्थयात्री बर्फ मे फोटो, सेल्फी तो ले ही रहे थे, बर्फ के गोले बनाकर भी एक दूसरे पर फेंकते देखे गए।
बदरीनाथ धाम मे हुई जर्बदस्त बर्फबारी के कारण उत्तर प्रदेश के सीएम येागी व उत्तराखंड के सीएम त्रिवेन्द्र रावत भी केदारनाथ से बदरीनाथ नही पंहुचे सके। उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग ने बदरीनाथ मे प्रस्तावित पर्यटक आवास गृह के भूमि पूजन व शिलान्यास की जोरदार तैयारियां की थीं।
अंतरराज्यीय बस अड्डे पर शिलान्यास व जन सभा का भी कार्यक्रम रखा गया था, जिसे देखते हुए बड़ी संख्या मे जनपद चमोली भर के कार्यकर्ताओं के साथ ही बदरीनाथ के विधायक महेन्द्र भट्ट, कर्णप्रयाग के विधायक सुरेन्द्र सिह नेगी, व राज्य मंत्री रामकृष्ण सिंह रावत के अलावा जिले का प्रशासनिक व पुलिस अमला बदरीनाथ मे ही मौजूद रहा।
जब बर्फबारी के कारण उनका कार्यक्रम नहीं बन सका तो लोगों को भी मायूसी ही हाथ लगी। हालांकि समाचार लिखे जाने तक फोर्स को बदरीनाथ मे ही रोका गया है।
सूत्रों के अनुसार मौसम अनुकूल रहा तो सीएम योगी और त्रिवेन्द्र मंगलवार को बदरीनाथ पंहुचे सकते हैं। आज शाम दोनों मुख्यमंत्री केदारनाथ से हेलीकॉप्टर द्वारा गौचर पंहुच गए है और उनका गौचर गेस्ट हाउस में ही रात्रि प्रवास का कार्यक्रम है।