रांची: झारखंड हाई कोर्ट ने कहा कि राज्य की जिला कोर्टों की सुरक्षा किसी भी परिस्थिति में कोताही बर्दाश्त नहीं की जायेगी।
कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई के 05 फरवरी तय करते हुए इस तारीख को मुख्य सचिव, गृह सचिव सहित कई अधिकारियों को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए मौजूद रहने का निर्देश दिया है।
शुक्रवार को हाई कोर्ट में एक जनहित याचिका पर झारखंड हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस डॉ. रवि रंजन व जस्टिस एसएन प्रसाद की खंडपीठ में सुनवाई की।
कोर्ट ने सरकार से पूछा कि जिला कोर्टों की सुरक्षा के लिए सरकारने क्या-क्या कदम उठाए गए हैं।
कोर्टों की सुरक्षा के लिये अब तक हाई कोर्ट के दिये गए निर्देशों का कितना पालन किया गया है। सरकार इस पर विस्तृत जवाब दे।
जनहित याचिका के प्रार्थी अधिवक्ता हेमंत सिकरवार के अनुसार शुक्रवार को हुई सुनवाई के दौरान कोर्ट ने अगली सुनवाई के दिन राज्य के मुख्य सचिव, गृह सचिव, आईटी सचिव और भवन निर्माण विभाग के सचिव को अदालत के समक्ष वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए मौजूद होने का निर्देश दिया है।
सुनवाई के दौरान कहा गया है कि अब तक सुरक्षा की दिशा में सरकार द्वारा कदम नहीं उठाया जाना हाई कोर्ट व सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अवहेलना करने का मामला बनता है।
कोर्ट ने इस मामले में काफी गंभीरता दिखाते हुए कहा कि झारखंड के सभी कोर्टों में बेहतर क्वालिटी के कैमरे लगना चाहिए, जिसमें वीडियो के साथ-साथ ऑडियो रिकॉर्डिंग की भी सुविधा मौजूद रहे।
हाई कोर्ट ने इस मामले में सरकार को 05 फरवरी से पहले जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है।
अदालत ने अन्य कई बिंदुओं पर सरकार से जवाब तलब किया है।
उल्लेखनीय है कि हजारीबाग कोर्ट में दिनदहाड़े हुई गोलीबारी के बाद झारखंड स्टेट बार काउंसिल के सदस्य हेमंत सिकरवार ने अदालतों की सुरक्षा को गंभीर विषय बताते हुए झारखंड हाई कोर्ट में जनहित याचिका दाखिल की थी।