दुमका: शिकारीपाड़ा प्रखंड में अवैध खनन पर अंकुश लगाने में प्रशासनिक महकमा विफल साबित हो रहा है।
प्रशासन की ओर से जिन पत्थर खदानों के मालिकों पर अंचल अधिकारी के स्तर से प्राथमिकी दर्ज कराई गई है वैसी खदान भी बेधड़क चलाई जा रही हैं।
इसके अनुसंधानकर्ता अवर निरीक्षक जितेंद्र कुमार सिंह है लेकिन यह खदान भी एक दिन के लिए नहीं बंद हुई है।
इस संबंध में पुलिस निरीक्षक सह थाना प्रभारी संजय सुमन कहते हैं कि नियमानुसार कार्रवाई की जा रही है।
अंचलाधिकारी अमृता कुमारी ने 10 अक्टूबर 2020 को रैयती भूमि के साथ मकड़ापहाड़ी के गोचर भूमि में खनन करने वाले ताला कोड़ा सोरेन, देना हांसदा,चंदन हांसदा, गिरीश हांसदा, मंटू मरांडी एवं रंजीत सिंह पर प्राथमिकी दर्ज कराई थी।
इसमें ताला कोड़ा सोरेन, देना हंसदा एवं चंदन हांसदा ने न्यायालय से जमानत ले ली है।
इस केस के अनुसंधानकर्ता अवर निरीक्षक जितेंद्र कुमार सिंह है।
16 दिसंबर 2020 को अंचल अधिकारी ने ही हुलासडगाल मौजा में अवैध पत्थर खदान संचालक पश्चिम बंगाल रामपुरहाट के बामदेव साहा एवं जगरनाथ कुमार के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कराई है।
इस केस के अनुसंधानकर्ता अवर निरीक्षक रूपेश कुमार को बनाया गया है। वर्तमान समय में रामगढ़ के थाना प्रभारी हैं।
19 दिसंबर 2020 को अमृता कुमारी ने चितरागढ़िया मौजा में अवैध पत्थर खदान संचालक पर अवैध पत्थर उत्खनन का प्राथमिकी दर्ज कराया है।