रांची: राजेंद्र इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस (RIMS) निदेशक डॉ. कामेश्वर प्रसाद (Dr. Kameshwar Prasad) के इस्तीफे (Resignation) की चर्चा कुछ दिनों से हो रही थी।
शुक्रवार को इनका इस्तीफा मंजूर हुआ और उनके विदाई समारोह (Farewell) का भी आयोजन किया। विदाई समारोह के दौरान उन्होंने कहा कि नियम के विरुद्ध मैंने कोई काम नहीं किया।
मैं RIMS से संतुष्ट होकर जा रहा हूं। बस इस बात का अफसोस है कि मैं अपने अस्पताल के चिकित्सकों की प्राइवेट प्रैक्टिस (Private Practice) पर रोक नहीं लगा सका।
रिम्स आने का मकसद यह था कि मैंने अपनी पढ़ाई यहीं से की। यही कारण है कि अपने राज्य के सबसे बड़े अस्पताल RIMS में अपनी सेवा देने के लिए आया।
बता दें कि RIMS निदेशक के रूप में डॉ कामेश्वर प्रसाद ने 2 साल 6 महीना 18 दिन तक अपनी सेवा दी।
RIMS के ही स्टूडेंट रहे हैं डॉ. कामेश्वर प्रसाद
उल्लेखनीय है कि 13 नवंबर 1972 को एक छात्र के रूप में तत्कालीन RMCH में डॉ कामेश्वर प्रसाद ने अपना नामांकन कराया था।
1979 में MBBS करने के बाद 1980-83 के बीच MD मेडिसिन एम्स (Medicine Aims) से किया।
डॉ कामेश्वर के साथ पढ़ने वाली डॉ मिनी रानी अखौरी ने पुरानी यादों को आयोजन के दौरान साझा करते हुए कहा कि वे एक अच्छे गायक भी हैं और कॉलेज कैंपस में सरस्वती पूजा के दौरान उन्होंने क्लासिकल गीत भी गुनगुनाए थे।
डीन एग्जामिनेशन को बन्ना गुप्ता ने बोलने से रोका
डीन एग्जामिनेशन (Dean Examination) डॉ. मनोज ने कहा कि कोई भी निदेशक अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पाया, ये समझ से परे है।
प्रमोशन पर किसी ने काम नहीं किया है। वो डायस से बोल ही रहे थे कि इसी बीच स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने उन्हें रोका।
कहा कि आज ये सब कहने का दिन नहीं है।
विदाई समारोह में अपर सचिव आलोक त्रिवेदी, RIMS के चिकित्सा अधीक्षक डॉ हिरेंद्र बिरुआ, डीन RIMS डॉ विद्यापति समेत रिम्स के चिकित्सक और कर्मचारी मौजूद रहे।
‘काम के दौरान होते रहते हैं खट्टे-मीठे अनुभव’
स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा कि काम करने के क्रम में खट्टे-मीठे अनुभव होते हैं और होते रहेंगे। मैं डॉ. कामेश्वर प्रसाद के उज्ज्वल भविष्य की कामना करता हूं।
वो जहां भी जाएंगे, झारखंड का नाम रोशन करेंगे। बड़े-बड़े उद्योगपति भले ही रोजगार दे सकते हैं, लेकिन मरणासन्न अवस्था से कोई बचा सकता है तो वो चिकित्सक है।
RIMS को बेहतर बनाने में अपनी हर जिम्मेदारी निभाई : अरुण सिंह
अपर मुख्य सचिव अरुण कुमार सिंह ने कहा कि रिम्स को बेहतर बनाने में डॉ. कामेश्वर ने अपना हर संभव प्रयास किया।
चाहे रिसर्च हो या अस्पताल की व्यवस्था, उन्होंने अपनी जिम्मेदारी को निभाया है।
RIMS को पैसे की कमी नहीं है, लेकिन एक रूपरेखा तैयार कर इसे आगे बढ़ाना होगा। आने वाले निदेशक के सामने एक चुनौती होगी कि RIMS की व्यवस्था को कैसे सुदृढ़ किया जाए।