नई दिल्ली: पहलवान खिलाड़ियों के आरोपों का सामना कर रहे भारतीय कुश्ती संघ के पूर्व अध्यक्ष और भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह (Brij Bhushan Sharan Singh) को अयोध्या में रैली (Rally) करने की अनुमति नहीं मिली।
अब वो अपने संसदीय क्षेत्र करनैलगंज (Parliamentary Constituency Karnailganj) में भीड़ जुटाकर अपनी ताकत दिखाएंगे। मिली जानकारी के अनुसार वह करनैलगंज में 11 जून को बड़ी रैली करेंगे। जिसके लिए तैयारियां भी शुरू कर दी है।
इस रैली में बृजभूषण लोगों से बातचीत कर उनका समर्थन लेने की कोशिश करेंगे। इससे पहले वो अयोध्या में एक बड़ी रैली करना चाहते थे, लेकिन सरकार की तरफ से उन्हें इसके लिए अनुमति नहीं मिली।
गौरतलब है कि, बृजभूषण सिंह पर महिला पहलवानों द्वारा लगाने गए यौन शोषण (Sexual Exploitation) के आरोपों का मामला लगातार बढ़ता जा रहा है। इसी मामले में बृजभूषण के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज हुई है।
करनैलगंज में 11 जून को बड़ी रैली का ऐलान किया गया
इधर बृजभूषण सिंह का संकट बढ़ता जा रहा है, जिसके चलते बीजेपी के नेता अपने पक्ष में समर्थन जुटाने में लगे हुए हैं। अयोध्या के प्रमुख संतों ने कथित तौर पर सिंह के लिए अपना समर्थन व्यक्त किया है। रैली में संत पॉक्सो अधिनियम (Poxo Act) का भी विरोध करेंगे, उनका दावा है कि इसमें ‘कई खामियां और दोषपूर्ण धाराएं हैं।
कैसरगंज (गोंडा) से सांसद बृजभूषण सिंह की ओर से करनैलगंज में 11 जून को बड़ी रैली (Big Rally) का ऐलान किया गया है। घोषित तौर पर कहा जा रहा है कि भाजपा नेतृत्व ने हर सांसद को अपने-अपने क्षेत्र में एक बड़ा कार्यक्रम करने का लक्ष्य दिया है।
किसान नेता टिकैत ने भी अल्टीमेटम दिया
इसमें केंद्र की मोदी सरकार (Modi government) की 9 साल की उपलब्धियां बतानी हैं, लेकिन माना जा रहा है कि वे इस रैली के माध्यम से क्षेत्र में अपनी पकड़ का अहसास कराएंगे।
फिलहाल इस मामले में पुलिस की जांच चल रही है। वहीं, उत्तर भारत की खाप पंचायतों ने उनकी गिरफ्तारी के लिए 9 जून तक का अल्टीमेटम (Ultimatum) दे दिया है।
मामले को जातीय रंग की ओर बढ़ता देख सरकार और भाजपा नेतृत्व सतर्क हो गई है। किसान नेता टिकैत ने भी अल्टीमेटम दिया है। ऐसे में बृजभूषण सिंह (Brij Bhushan Singh) की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।