रांची: झारखंड के प्रशिक्षित पारा शिक्षकों ने नवगठित झारखंड प्रशिक्षित पारा शिक्षक संघ का बहिष्कार किया है।
कहा है कि जब मांग एक है तो सरकार से लड़ाई भी सभी को एक साथ लड़नी चाहिए।
बताया गया कि पारा शिक्षकों के पास बहुत कम समय बचा हुआ है और इस बचे समय में ही पारा शिक्षकों को स्थायीकरण के साथ वेतनमान भी लेना है।
इस कम समय में नवगठित संघ हेमंत सरकार को समय देकर बचे हुए समय भी बर्बाद करना चाहता है और 2022 में सभी पारा शिक्षकों को बाहर का रास्ता दिखाना चाहते हैं।
अष्टमंडल के इस टीचर को माना नेता
65000 पारा शिक्षकों के लिए स्थायीकरण हेतु नियमावली बनने तो दें।
इसके बाद 2022 में टेट, ननटेट सभी पारा शिक्षकों के बिना परीक्षा के स्थायी होना की 100% गारंटी है।
क्योंकि 2022 के बाद पारा शिक्षको को अनुबंध पर नहीं रख सकती है और नियमावली बनने के बाद झारखंड सरकार पारा शिक्षको को हटा नहीं सकती है।
इसलिए झारखंड के तमाम प्रशिक्षित पारा शिक्षकों ने नवगठित पारा शिक्षक संघ का बहिष्कार करते हुए अष्टमंडल के प्रशिक्षित पारा शिक्षक सिंटू सर को नेता माना है।