रांची: झारखंड सरकार (Government of Jharkhand) की 60-40 वाली नियोजन नीति (Employment Policy) का विरोध कर रहे छात्र संगठनों ने दो दिवसीय झारखंड बंद के दूसरे दिन रविवार को जहां-तहां टायर जलाकर सड़क पर जाम लगा दिया।
झारखंड स्टेट स्टूडेंट्स यूनियन (JSSU) के नेता देवेंद्र महतो (Devendranath Mahato) को दिन में हिरासत में ले लिया गया था।
शाम को 6 बजे के बाद सभी को रिहा कर दिया गया। इसके साथ 2 दिवसीय झारखंड बंद (Jharkhand Bandh) का समापन हो गया।
बंद का राज्यभर में मिलाजुला असर देखने को मिला।
रांची कोतवाली DSP प्रकाश सोय ने कहा कि छात्र संगठन के लोगों को पकड़ कर कोतवाली थाना ले जाया गया है।
जिला स्कूल मैदान में बंदी को लेकर जमा हो रहे छात्रों को डिटेन कर थाना ले जाया गया।
उन्होंने कहा कि पांच से 10 लोगों को डिटेन किया है, जिसमें छात्र नेता देवेंद्र नाथ महतो सहित कई बंद समर्थक शामिल है।
लोग जाम में फंसे
छात्र नेता देवेंद्र महतो के नेतृत्व में पांच परगना क्षेत्र राहे, सोनाहातु ,सिल्ली, तमाड़ बुंडू बाजार को बंद कराने के बाद झारखंड का लाइफ लाइन रोड NH -33 रांची जिला में स्थित टोल प्लाजा गेट बुंडू के पास 3 घंटा जाम रहा।
सुबह 6:15 से ही जाम कर दिया गया था, जिससे उस मार्ग में आवागमन पूरी तरह से ठप हो गया। गाड़ियों की लंबी कतार लग गई।
लंबी दूरी के सफर करने वाले लोग जाम में फंसे।
बड़ी संख्या में छात्र मौजूद
रांची से सटे इलाकों को बंद कराने के बाद झारखंड स्टेट स्टूडेंट्स यूनियन (JSSU) प्रमुख देवेंद्रनाथ महतो (Devendranath Mahato) रांची के शहीद चौक स्थित जिला स्कूल मैदान पहुंचे।
यहां बड़ी संख्या में छात्र मौजूद थे। यहां पहुंचने के बाद उन्होंने कहा कि हमारा 2 दिवसीय झारखंड बंद सफल रहा है।
यहां से सभी छात्र झारखंड स्टेट स्टूडेंट्स यूनियन प्रमुख देवेंद्रनाथ महतो की अगुवाई में मेन रोड बंद कराने निकले, जहां उन्हें हिरासत में ले लिया गया।
फिलहाल उन्हें कोतवाली थाना ले जाया गया है। इनके साथ सत्यनारायण शुक्ला, सुनील कुमार, खतियानी सुमित, कमलेश कुमार और रितिक रजक को हिरासत में लिया गया।
पतराहातु में बंद समर्थकों ने जाम रखा सड़क
सिल्ली के इलाके में सुबह से ही समर्थक बंद कराया। रांची के खादगढ़ा से भी नहीं के बराबर बसें निकली ।
झारखंड का लाइफ लाइन कहे जाने वाले NH-33 को बुंडू स्थित टॉल प्लाजा के समीप जाम कर दिया गया।
सिल्ली विधानसभा के पतराहातु में बंद समर्थकों ने सड़क को जाम रखा।
दुमका बस स्टैंड से भी नहीं खुली बसें
बंद का असर रांची को छोड़ राज्य के दूसरे हिस्से में देखने को मिल रहा है। दुमका में भी बंद का असर दिखा।
यहां बस स्टैंड से बसें काफी कम खुली। बस स्टैंड सहित शहर के अन्य हिस्से में सन्नाटा पसरा रहा।
रामगढ़, बोकारो, हजारीबाग आदि में भी बंद पूरी तरह तो नहीं , पर उसका असर दिखायी दिया।
छात्रों की मुख्य मांगें
-झारखंड में बिहार की तर्ज पर नियोजन नीति लागू हो।
-बिहार पुनर्गठन अधिनियम 2000 की उपधारा 85 के तहत झारखंड सरकार को भी यह अधिकार है कि वह संयुक्त बिहार के समय का कोई भी अध्यादेश, गजट का संकल्प को अंगीकृत कर सकती है। इसी अधिकार के तहत बिहार की 3 मार्च, 1982 वाली नियोजन नीति जिसका पत्रांक 5014/81-806 है, को अंगीकृत कर बिहार की तर्ज पर नियोजन नीति लागू करते हुए नियुक्तियां शुरू की जाएं।
-नियुक्ति फॉर्म भरते समय स्थानीय प्रमाण पत्र क्रमांक संख्या अनिवार्य रूप से भरने का प्रावधान किया जाए।
-जनसंख्या के अनुपात में सभी वर्गों को जिला स्तर में आरक्षण लागू किया जाए।
-झारखंड का एक स्पेशल पेपर का प्रावधान किया जाए, जिसमें झारखंड के रीति रिवाज, भाषा संस्कृति, परंपरा की अनिवार्यता हो।
-राज्य स्तर तथा जिला स्तर के सभी तकनीकी तथा गैर तकनीकी परीक्षा में क्षेत्रीय भाषा का पेपर अनिवार्य किया जाए।
-मूल झारखंडी छात्रों को पांच वर्ष का उम्र सीमा में विशेष छूट दी जाए।
-उत्तराखंड की तर्ज़ पर परीक्षा नकल विरोधी कानून लागू किया जाए।